कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बड़े इलाके में नरमा-कपास उत्पादक किसानों की फसल करीब करीब नष्ट हो चुकी है। किसानों की मानें तो भट्टू बेल्ट में नरमे की फसल बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित हुई। करीब 80 से 90 फीसदी तक नरमा कपास की फसल खराब हो चुकी है। किसानों के अनुसार एक एकड़ में सामान्य तौर पर 10 क्विंटल का उत्पादन उन्हें मिल जाता था, लेकिन अब हालत ऐसे हैं कि एक एकड़ में उन्हें 2 क्विंटल भी उत्पादन मिल जाए तो गनीमत है।
किसानों ने बताया कि उखाड़ा रोग और सफेद मक्खी के प्रकोप के चलते उनकी खड़ी फसल तबाह हो गई तो वह रही सही कसर बरसात ने पूरी कर दी। पिछले दिनों हुई तेज बरसात के बाद खेतों में जलभराव हो गया, जिससे उनकी फसलें खराब हो गई। पहले सफेद मक्खी, फिर उखेड़ा रोग और अब जलभराव ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है।
विभाग से जुड़े अधिकारी भी मानते हैं इलाके में अनेक जगहों पर नरमा कपास की फसल बिमारियों, सफेद मक्खी और फिर तेज बरसात से काफी हद तक प्रभावित हुई है। विभाग की टीमें इन इलाकों में सर्वे कर नुकसान का आकलन करने में जुटी हुई है।
अब किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसल का मुआवजा कब तक मिल पाता है,ये देखने वाली बात होगी।