हरियाणा के किसान एक तो पहले ही टिडडी दल की मार झेल रहा था, तो वही अब किसानों की फसल टेला चेपा और सफेद मच्छर की चपेट में आ गई है। जिसके चलते कपास की सैंकड़ों एकड़ फसल तबाह को गई है। ऐसे में हिसार का किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। किसान अपनी फसलों पर दवाओं को छिडकाव तो कर रहे लेकिन ऐसी बिमारियों पर दवाई भी बेअसर है। हिसार और आस पास के जिलों में हजारों एकड कपास की फसले रोग लगने से नष्ट हो गई है। किसान का कपास की फसल का खर्च लगभग 15 हजार प्रति एकड तक आता है। तो वहीं अब किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर 30 हजार रुपये मुआवजे की मांग की है।
किसानो ने कृषि विशेषज्ञों से मांग कि है कि उनकी इस भंयकर समस्या का समाधान किया जाए। फसलों में इस रोग के चलते अब वे भी बबार्दी की कगार पर आ गए हैं। जमीन ठेके पर लेकर बुवाअ करना काफी मुश्किल हो गया है। यह बीमारियों किसानो के लिए आफत बन कर आई है। उनकी मांग है कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाए। किसानों ने बताया कि बीते साल सरसों की फसल बोइ थी, लेकिन ओलावृष्टि के चलते वो भी बबार्द हो गई थी।
हिसार के कृषि विभाग के अधिकारी अरुण यादव और उनकी टीम ने हिसार व आस पास के गांवों दौरा किया। और किसानों को इस बारे में जागरूक भी कर रहे है।
अब किसानों को उनकी बबार्द फसलों का कब तब मुआवजा मिल पाता है, ये देखने वाली बात होगी।