60 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग में जहां आराम फरमाते हैं और अपने पोते के साथ समय गुजारते हैं तो वहीं हम आपको एक ऐसे बुजुर्ग की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिन्हांेेने ढलती उम्र में भी जिंदगी जिने का जज्बा नहीं छोड़ा है। पानीपत के 62 वर्षीय बुजर्ग ने अपने 62 वे जन्मदिवस पर 62. 4 किलोमीटर मैराथन दौड़ लगा कर सभी युवा व् बुजर्गो को हैरान कर दिया है। पानीपत सेक्टर 6 अपने घर से करनाल मेरठ चैक से यू टर्न लेकर अपने घर तक उन्होंने यह मैराथन 7 घंटे 32 मिनट में पूरी की हैं।
जसमेर ने साल 2010 से दिल की बीमारी से ग्रसित हैं। लेकिन उनके जज्बे के आगे बड़ी से बड़ी बिमारी को भी बौना साबित कर दिया। दौड़ के प्रति उनकी लगन इतनी है कि उन्होंने तो हाफ मैराथान में भी हिस्सा लिया है। नवम्बर 2010 में दिल्ली में हुई हाफ मैराथन 2 घंटे 38 मिनट में पूरी की। सिर्फ इतना ही नहीं इस साल 2020 में जयपुर में हुई 2 फरवरी को फुल मैराथन में हिस्सा लिया और 4 घंटे 12 मिनट में फुल मैराथन पूरी करने के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
जसमेर दौड़ते समय हाथ में एक मोबाइल बांधते हैं जिसमे उन्होंने ऐप डाउनलोड किया है जिससे उनके रूट का और कितने किलोमीटर कितने समय में पूरा किया यह पता चलता रहता हैं।
वीओ -जसमेर की पुत्रवधू शीनू ने कहा कि हमें भी इनसे प्रेरणा मिल रही है और आसपास के लोग भी इनसे प्रेरित हो रहे हैं। शीनू ने कहा की अपने बच्चे को भी अपने दादा की तरह बनाऊंगी और बड़ा होकर मैराथन में हिस्सा लेगा।
कहते हैं की मन में कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र की भी परवाह नहीं की जाती है और ऐसा ही कुछ पानीपत के ये धावक जसमेर भी कर रहे हैं। जिन्होंने खासतौर पर युवा पीढ़ी और प्रेरित करने का काम किया है।