Friday , 20 September 2024

स्वास्थ्य विभाग हरियाणा निमूनिया रोग के उपचार के मंहगे टीके को भी राजकीय अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध करवायेगा- अनिल विज।

अम्बाला, 8 अक्तूबर। स्वास्थ्य, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि बच्चों को डायरिया रोग से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क टीकाकरण किया जाता है और ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि इस मंहगे टीके की निशुल्क उपलब्धता के बाद अब स्वास्थ्य विभाग बच्चों को निमूनिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए न्यूमोकोकल नामक मंहगा इंजैक्शन भी राजकीय अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध करवाने की योजना शुरू करने जा रहा है।

 

स्वास्थ्य मंत्री आज सिविल अस्पताल अम्बाला छावनी से जिला में सघन मिशन इंद्रधनुष का शुभारम्भ करने के उपरांत उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने छोटे बच्चों को पोलियोरोधीा खुराक पिलाई और करवाचौथ का त्यौहार होने के कारण ऐसे बच्चों की माताओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपहार भी दिए गये। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के बडनगर से आरम्भ किए गये मिशन इंद्रधनुष का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने अम्बाला से ही पलवल जिला के लिए भी मिशन इंद्रधनुष का ऑनलाईन शुभारम्भ किया। इस मिशन के तहत गलघोटू, टैटनैस, काली खांसी, खसरा सहित कुल 10 जानलेवा बीमारियों के बचाव का टीकाकरण किया जायेगा।

 

विज ने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार आने से पूर्व बच्चों की मृत्यु दर 1000 बच्चों पर 42 थी जो अब घटकर 33 तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जच्चा-बच्चा मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाने के लिए प्रयासरत है और इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं तथा एएनएम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये कर्मी घर-घर जाकर टीकाकरण सुविधाएं उपलब्ध करवाने में सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आशा कर्मी और एएनएम को विभाग द्वारा शीघ्र ही टैबलेटस भी उपलब्ध करवाये जायेंगेे ताकि वे टीकाकरण का सही और स्टीक रिकार्ड रख सकें और विभाग को शतप्रतिशत टीकाकरण में सफलता मिल सके। उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तहत ऐसे बच्चे और गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया जाता है जो किसी वजह से नियमित टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत गरीब बस्तियों में रहने वाले मजदूरों, ईंट-भट्टों, स्टोन क्रैशरों तथा निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले मजदूरों के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को विशेष प्राथमिकता पर टीकाकरण किया जाता है।

 

 

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