प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट किसानों की आय दोगुना और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में हिसार हरियाणा के गांव चैधरीवास का बोवाइन स्पर्म रिसर्च सेंटर अहम भूमिका निभा रहा है। भारत के पशु धन को बढावा देने में विशेष भूमिका भी निभा रहा है। ये सैंटर हिमाचल प्रदेश प्रदेश, पंजाब, हयिाणा, मध्यप्रदेश, उडीसा, आंध्रप्रदेश, राजस्थान जैसी राज्य सरकारों को सरकारी स्तर पर स्र्पम उपलब्ध करवाता है। इसके अलावा निजी स्तर पर देश व विदेश में स्र्पम सप्लाई कर रही है। इस सेंटर में अच्छी नस्ल के करीब 155 भैंसे और सांड हैं। इनसे सालाना 45 से 50 लाख सीमन की स्ट्रा तैयार की जाती हैं।
यहां पर सुलतान, रुस्तमे हिंद जैसे झोटा का विशेष तौर पर स्र्पम तैयार किया जाता है। इसके परिणाम काफी बेहतरी आए है। किसानों को यह बहुत ही कम कीमत में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं यहां से निकलने वाले गोबर से खाद तैयार कर बहुत कम पैसे में किसानों को दी जाती है। रिसर्च सेंटर की खूबियों के चलते भारत सरकार के पशु पालन डेयरिंग एवं मछली पालन मंत्रालय द्वारा लगातार इसे दूसरी बार ए ग्रेड से नवाजा गया है। यह निजी सेंटर का पहला स्पर्म सेंटर है जिसे दूसरी बार ए ग्रेड मिला है।
गुणवत्ता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि श्रीलंका व सरकार नेपाल में सीमन इम्पोर्ट किया जाता है कुछ औपचारिकता के बाद यह भारत से सीमन एक्सपोर्ट करने वाला पहला रिसर्च सेंटर बन जाएगा।सैंटर के डारेक्टर आशीष जिदंल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी दुधारू पशु की नस्ल उसके दूध की क्षमता से आंकी जाती है। बोवाइन में इसी पर लगातार शोध जारी है। एका एक बाजार में देसी गाय के दूध की मांग बढ़ी है। देसी नस्ल की गाय अधिक दूध दें इसके लिए प्रयास हुआ। इसमें सफलता भी मिली।
यदि एक.दो दशक पहले की स्थिति देखी जाएए तो देसी गाय मात्र पांच से दस किलो दूध देती थी। शोध के बाद देसी गाय दस से 25 किलो दूध देने लगी हैं। इससे किसान की आय बढने के साथ लोगों में आत्म निर्भरता भी बढ़ी है। एक बार फिर किसानों का रुझान डेयरी की ओर बढ़ा है।