Sunday , 10 November 2024

कैसे दो सांडों की लड़ाई में महज 10 सेंकेंड में गई युवक की जान..

प्रदेश सरकार द्वारा रेवाड़ी शहर को कैटल फ्री का सर्टिफिकेट दिए जाने के बावजूद शहर में आवारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के चलते आज दोपहर एक हैरतअंगेज मामला उस वक्त सामने आया, जब दो सांडों की लड़ाई में चंद सेकंडो में एक युवक की जान चली गई।

ये घटना कायस्थवाडा मोहल्ले की है, जहां स्कूटी से घर जा रहे एक युवक को लड़ते हुए इन 2 सांडों ने मौत के घाट उतार दिया। दरअसल रेवाड़ी का रहने वाला संजय फोटोग्राफी का काम करता था। आज दोपहर वह स्कूटी पर सवार होकर अपने घर जा रहा था। रास्ते में दो साड़ों की खूनी लड़ाई चल रही थी। इसी बीच सांड एक दूसरे को दौराने लगे और उसकी स्कूटी की बगल से एक सांड दौड़कर भाग निकला। हालांकि दूसरे सांड को सड़क पर आती स्कूटी का अंदाजा नहीं लगा और उसने स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही युवक वहां पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।

इस घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते शहर में आए दिन आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता ही जा रहा है और आलम यह है कि शहर की ऐसी कोई सड़क या चौराहा बाकी नहीं, जहां इन आवारा पशुओं का जमावड़ा ने लगा हो, लेकिन अधिकारी हैं कि उनकी कुम्भकर्णी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है। यह हाल तो तब है, जबकि स्थानीय विधायक बीते दिनों शहर का दौरा कर प्रशासन को चेता चुके हैं। लोगों की मांग है कि इन आवारा पशुओं को गोशाला वेनंदी शालाओं में भिजवाया जाए ताकि जनहानि होने से बच सकें।

हालांकि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के अनेक हादसे हो चुके हैं। बीते सप्ताह ही घर से दुकान पर टॉफी लेने जा रहे 6 वर्षीय एक मासूम व उसके 14 वर्षीय भाई पर भी गायों ने हमला बोल दिया था। गनीमत यह रही कि आसपास के लोगों ने पत्थर व लाठी डंडे मार कर दोनों बच्चों को गायों के चंगुल से छुड़ा लिया।

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