हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने संस्कृत विषय की अनदेखी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संस्कृत में पढ़े गए शादी के फेरो वाली शादी को असवैधानिक बताया चूंकि आज के दूल्हा दुल्हनों को संस्कृत का ज्ञान ही नही होता । संस्कृत भाषा की मेहता एवम उपयोगिता का जिक्र करते हुए अनिल विज ने कहा कि इस देवभाषा की जानकारी होटी तो तलाक कभी ही ही नही सकता ।उन्होंने कहा कि शादी में फेरो के समय पंडित द्वारा संस्कृत में पढ़े गए श्लोक ब्लैंक एफिडेविट पर साइन करने के समान है क्योंकि दूल्हा-दुल्हन को इसके अर्थ समझ नहीं आते । यह देश का दुर्भाग्य है कि यहां विद्यार्थियों को संस्कृत और साइंस में से एक बिषय चुनने को कहा जाता है जब कि सभी महान ग्रंथो की रचना संस्कृत भाषा में हुई ।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते है ।आज भी वाल्मीकि जयंती के एक समारोह में मंच से बोलते हुए उन्होंने शादी में पढ़े गए संस्कृत में फेरो के श्लोक पर ही सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि पंडित द्वारा बोले जाने वाले संस्कृत भाषा के मंत्रो को न तो दूल्हे को समझ आते है और न ही दुल्हन इसको समझ पाती है क्योंकि उन ही संस्कृत का पूर्ण ज्ञान नहीं होता इसीलिए ऐसी शादी ब्लैंक एफिडेविड पर साइन करने के समान है जो असवैंधानिक है । उन्होंने स्पष्ट भी किया कि यह हमारा दुर्भाग्य है जो सारे शास्त्र संस्कृत भाषा में ही लिखे है यदि हमें संस्कृत का ज्ञान होता तो धरती पर तलाक ही न होते ।
विज ने कहा कि इसके पीछे भी अंग्रेजो की एक बड़ी साज़िश रही जो स्कूल में सस्कृत भाषा को ऑप्शनल रखा और साइंस और सस्कृत में से एक को चुनना होता था ! उन्होंने कहा कि अंग्रेजो को ये भली-भांति पता था कि यदि हिन्दुस्तानी संस्कृत को पूरी तरह से समझ गए और हिन्दुस्तानी सबसे आगे निकल जायेंगे और विश्व पर विजय पा लेते ।