हिसार के नथगला गांव से एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है। यहां पर रहस्यम तरीके से दुधारू पशुओं के मरने का सिलसिला लगातार जारी है और ये सब हुआ है नथगला गांव के एक पशुपालक परिवार के साथ। आपको बता दें कि बीते 48 घटों में 35 बेजुबान पशु दम तोड़ चुके हैं। हालात यहीं पर नहीं थमे, बल्कि पशुओं के मरने का सिलसिला अभी भी जारी है। लेकिन इन सबमें हैरान करने वाली बात तो ये है कि मृतक पशुओं मे किसी भी तरह की बिमारी सामने नहीं आई है। पशुपालक परिवार को अब तक 35 लाख से अधिक का नुक्सान हो चुका है।
पशुपालकों की माने तो अचानक ही भैंस की तबीयत खराब हो जाती है और खडी खडी भैस के पांव डगमाने लगते है। थोडी ही देर बाद भैंस दम तोड देती है। लेकिन बिमार की असली वजह अभी तक समझ में नहीं आई है। जबकि पशु चिकित्सो द्वारा दी गई दवाईयों कोई असर नही हो रहा है। पशुपालकों का आरोप है कि लुवास के चिकित्सकों को सूचित तो कर दिया लेकिन उनकी टीम देर से पहुंचती है। हालांकि पशुपालन विभाग की टीम ने गांव मे पशुओं का ईलाज तो शुरु किया है लेकिन इसके बावजूद भी हालात ज्यों के त्यों ही है।
वीओ-पशुचिकित्सक ड़ा. मनीद्र ने बताया कि हिसार पशुओं के मामले को देते हुए हुए चिकित्सीय जांच के लिए लुवास व पशुपालन विभाग ने मिलकर टीमों का गठन किया है। जिसमें लुवास के पशु चिकित्सक डा. रमेश यादव व पशुपालन विभाग के एसडीओ प्रेम प्रकाश गैरा के नेतृत्व चिकित्सा टीमों का गठन किया है।
यह कैसी बीमारी भैंसों में आई है, ऐसा यह पहली बार हुआ है। लुवास व पशुपालन विभाग ने इस अज्ञात बीमारी को देखते आज मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया है और टीम ने मौके पर कई तरह के सैंपल लिए है। सैंपलों की रिपोर्ट तीन दिन के बाद ही आने की संभावना है। तो वहीं प्शुपालकों ने परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है।