चंडीगढ,1अक्टूबर। करीब दो साल बाद फ्रांस की कम्पनी डासोल्ट एविएशन से मिलने वाले राफेल जेट विमानों के लिए अम्बाला के एयर बेस को तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। भारतीय वायुसेना के इस रणनीतिक एयरबेस से भारत-पाकिस्तान सीमा मात्र 220 किमी दूर है।
परमाणु हथियार व अन्य मिसाइलों को ले जाने में सक्षम राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्न इस एयरबेस पर तैनात की जायेगी। इसलिए एयरबेस को ढांचागत रूप से उन्नत बनाया जा रहा है। करीब 78 वर्ष पुराने एयरबेस पर शेल्टर्स,हैंगर्स और रखरखाव की सुविधाएं बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। राफेल जेट की जरूरत के मद््देनजर ही ये निर्माण कार्य करवाए जा रहे है।
राफेल जेट का निर्माण करने वाली फ्रांस की कम्पनी डासाल्ट एविएशन की टीमों ने भी एयरबेस का दौरा कर राफेल जेट की जरूरतों के अनुसार ढांचागत विकास करने के बारे में अपनी राय दे दी है। पिछले साल भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल लडाकू जेट खरीदने के लिए 59,000 करोड रूपए के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें से 18 राफेल जेट अम्बाला एयरबेस पर और इतने ही पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात किए जायेंगे। हासीमारा एयरबेस पर भी इसी तरह काम शुरू कर दिया गया है। राफेल जेट उडाने के लिए पायलटों का चयन भी कर लिया गया है और डासाल्ट एविएशन इन पायलटों को फ्रांस में ही प्रशिक्षण दे रही है।