चंडीगढ़( कुलदीप कुमार )। सुरक्षा की लंबे समय से मांग कर रहे डॉक्टरों ने सरकारी उदासीनता के विरोध में गांधीगिरी करने का फैसला किया है। इस बार डॉक्टरों ने गांधी जयंती पर भूख हड़ताल के जरिये मोदी सरकार का विरोध करने का निर्णय लिया है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन यानी आईएमए से जुड़े देशभर के तकरीबन 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर्स 2 अक्टूबर को उपवास पर रहेंगे. ट्राइसिटी के 4000 से ज्यादा डॉक्टर्स भी इस हड़ताल में शामिल होंगे.
डॉक्टरों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तो भविष्य में भी विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी रहेगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक्शन कमेटी के चैयरमेन डॉ आर इस बेदी ने बताया कि पिछले काफी समय से देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं। मरीज के परिजन बेखौफ होकर अस्पतालों पर धावा बोल देते हैं। मामले में पूरा दोष डॉक्टरों पर ही मढ़ दिया जाता है, जबकि संसाधनों की कमी से डॉक्टर खुद ही परेशान हैं और कई बार इसके कारण मरीजों की जान नहीं बचा पाता। उन्होंने कहा कि नाकामी सरकार की है और इसका खामियाजा डॉक्टरों को अपने साथ मारपीट के रूप में उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब डॉक्टर मोदी सरकार के समक्ष न सिर्फ सुरक्षा बल्कि पीसीपीएनडीटी एक्ट, डॉक्टरों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, समान काम समान वेतन, नीट परीक्षा का उचित आयोजन सहित कई जरूरी मांग कर रहे हैं।