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घग्गर में जल्दी ही बहेगा साफ पानी,हरियाणा के मुख्यमंत्री ने दिलाया भरोसा

चंडीगढ़ 29 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की शिवालिक पहाडियों से निकलकर हरियाणा व पंजाब के रास्ते राजस्थान के हनुमान गढ व श्रीगंगानगर होते हुए पाकिस्तान लौटने वाली घग्गर नदी में जल्दी ही साफ पानी बहेगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने शुक्रवार को यहां एक कार्यैक्रम में यह भरोसा दिलाया।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य से गुजरने वाली घग्गर नदी में शीघ्र ही साफ पानी बहेगा, क्योंकि आगामी वर्ष तक नदी के साथ लगते प्रमुख टाउनशिपस में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) के पूरी तरह से कार्य शुरू कर देने की उम्मीद है। मनोहर लाल आजं टैगोर थियेटर में आयोजित एक कार्यक्रम  ‘रैली फॉर रिवर्स’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘रैली फॉर रिवर्स’ की सराहना की और नदियों और पानी के संरक्षण की दिशा में उनके प्रयासों में राज्य के लोगों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि हरियाणा में ऐसी कोई नदी नहीं है जो विशेष रूप से हरियाणा से  निकलती हो, फिर भी राज्य से गुजरने वाली नदियों में साफ पानी का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मौसमी घग्गर हरियाणा और पंजाब से गुजरती हैं, और इसकी सफाई के लिए दोनों राज्यों की सरकारों  द्वारा संयुक्त रूप से नदी के किनारे एसटीपी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन एसटीपी के पूरी तरह कार्य शुरू करते ही नदी में साफ पानी बहने लगेगा। इसी तरह, यमुना नदी की सफाई के लिए और नदी में गंदे पानी के प्रवेश को रोकने के लिए भी एसटीपी स्थापित किए गए हैं।
सरस्वती नदी का जिक्र करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि हरियाणा केे आदिबद्री की पहचान इस पौराणिक नदी के उत्पत्ति स्थल के रूप में हुई है। नदी पर  व्यापक शोध करने के लिए, राज्य में ‘सरस्वती नदी शोध संस्थान’ की स्थापना की गई है। इसके अलावा, नदी के पुनरुत्थान के लिए ‘सरस्वती धरोहर बोर्ड’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि बांधों के माध्यम से पानी के चैनलों से नदी में जल बहे। उन्होंने देश में पर्यावरण और नदी के संरक्षण  अभियान शुरू करने के लिए सद्गुरु की सराहना की और इस संबंध में राज्य के लोगों के सभी समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक, सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि 3 सितंबर, 2017 को तमिलनाडु में कोयंबटूर से शुरू हुआ ‘रैली फॉर रिवर्स’ अभियान लगभग 9500 किलो मीटर की दूरी को तय करके 2 अक्टूबर को दिल्ली में समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि सभी राजनेता अपनी पार्टी की विचारधारा पर विचार न करते हुए ‘रैली फॉर रिवर्स’ अभियान की एकजुट होकर जोरदार पैरवी कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि पिछले 25 सालों में नदियों का पानी लगातार घट रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी समस्या है जिसे एक महीने में हल नहीं किया जा सकता है, इसलिए हम एक नीति पर काम कर रहे हैं ताकि जल संरक्षण के लिए  राष्ट्र लगातार प्रयास करता रहें। उन्होंने कहा कि निस्संदेह देश में विकास हो रहा है, लेकिन हमें स्थिरता के बारे में भी सोचना होगा अन्यथा हमारा विकास और स्थिरता दोनों ही खतरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि पेड़ और नदियां राष्ट्ीय खजाना है, जिसे हमें हमारी आने वाली पीढियों के लिए बचाकर रखना होगा।

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