4 मई 2019 देहरादून: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि पद छोड़ने के बाद भी सरकारी आवासों में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों को पूरे समय का किराया मार्केट रेट के हिसाब से देना होगा। एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन और जस्टिस रमेश चंद्र खुल्बे ने अपना फैसला सुनाया। दोनों जजों ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य में 2001 से लेकर आज की तारीख तक पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाएं देने वाले सभी सरकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया।
याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि जजों की बेंच ने पद छोड़ने के बाद कई साल तक सरकारी घरों पर कब्जा रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार दर के हिसाब से किराये का भुगतान करने का आदेश दिया। बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को अन्य सुविधाओं के लिए भी समान रूप से भुगतान करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि 6 महीने में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके आवास और गाड़ी जैसी सुविधाओं में हुए खर्च की वसूली की जाए. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर सरकार का करीब 13 करोड़ रुपए बकाया है। प्रथम तेहेलका के facebook और Youtube पेज से जुड़ें के लिए यहां क्लिक करें