इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था।
चंडीगढ़ 2 मई 2019 : पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत में से एक है। लेकिन दिलचस्प है कि जिस पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए कोशिश में तेजी लाई, उसका संयुक्त राष्ट्र के फैसले में जिक्र नहीं है।
बता दें कि इसी साल 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की मसूद अजहर ने जिम्मेदारी ली थी। भारत ने भी इसके सबूत पाकिस्तान को दिये थे। कांग्रेस ने पुलवामा का जिक्र नहीं होने पर निराशा जताई है। दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने जो प्रस्ताव मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रखा था, उसमें पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र था। लेकिन चीन ने इसपर आतत्ति जताई। वैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखने वाले देशों में शामिल चीन अजहर को ग्लोबल आतंकी की सूची में डाले जाने की कोशिशों में ‘तकनीकी रोक’ डाल रहा था और प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और अधिक वक्त मांग रहा था। संयुक्त राष्ट्र के फैसले के बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण परिणाम है क्योंकि हम इसके लिए कई बरसों से जुटे हुए थे। इस सिलसिले में पहली बार 2009 में कोशिश की गई थी। हाल फिलहाल में हमने इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अपनी सारी कोशिशें की। प्रथम तेहेलका के facebook और Youtube पेज से जुड़ें के लिए यहां क्लिक करें