चंडीगढ़ 1 मई 2019 :भारत सरकार पिछले कई सालों से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील कर रहा है,लेकिन हर बार उसे चीन बचा लेता है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन के अलावा रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं, इन पांचों देशों को वीटो का अधिकार है। चीन ने कहा कि वह जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का समर्थन करता है। हालांकि, वह यह चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति के दायरे में यह मसला राजनीतिक विचार-विमर्श से हल किया जाए। इस मसले पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अहम बैठक होने वाली है।
चीन ने कहा- हम समझते हैं कि इस पर सभी पक्ष एकमत हैं कि मसले का हल बातचीत के जरिए निकाला जाए। अभी 1267 समिति में इस पर विचार जारी है। इसमें सकारात्मक प्रगति हुई है। हम सभी पक्षों की साझा कोशिशों पर विश्वास करते हैं। इस समस्या को सही ढंग से सुलझाना चाहिए।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन के दौरे पर थे। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने तभी इमरान को अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था। मसूद अजहर पर बैन का फैसला वही कमेटी करेगी, जिसने अल-कायदा और आईएसआईएस पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा, “अमेरिका इस मामले को सुरक्षा परिषद में क्यों लेकर गया? जबकि इसका फैसला तो बातचीत के जरिए इसी समिति की बैठक में हो सकता था।”
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