चंडीगढ़ 1 मई 2019 : मैं मजदूर हूं, मजबूर नहीं। यह कहने में मुझे शर्म नहीं अपने पसीने की खाता हूं मैं मिट्टी को सोना बनाता हूं। जी हाँ ये आवाज़ हर उस व्यक्ति की है जो अपने परिवार के भरण पोषण के लिए काम करता है किसी भी देश या बड़ी से बड़ी कंपनी के विकास के पीछे उसके लिए दिन-रात पसीना बहा रहे मजदूरों का हाथ होता है। इन्हीं मजदूरों का सम्मान करते हुए 1 मई को श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बता दें कि मजदूर दिवस राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। बता दें कि इसकी शुरुआत अमेरिका के शिकागो में 1 मई 1886 में हुई थी। वहीं भारत में लेबर किसान पार्टी द्वारा 1 मई 1923 में इसकी शुरुआत हुई ! प्रथम तेहेलका के facebook और Youtube पेज से जुड़ें के लिए यहां क्लिक करें