सूरत 30 अप्रैल 2019 : साल 2013 में अपनी एक महिला भक्त के साथ बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिये गये नारायण सांई की सजा का सूरत जिले की सत्र अदालत आज ऐलान करेगी। कोर्ट ने शुक्रवार को उसके अलावा तीन महिलाओं सहित चार सहयोगियों को भी दोषी ठहराया था। सांई (47), 2013 से ही लाजपोर जेल में बंद है।
सांई को आईपीसी के धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुराचार), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-ख(षडयंत्र) के तहत दोषी पाया गया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्त थे और इनमें से छह को बरी कर दिया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश पीएस गढ़वी दोषियों को 30 अप्रैल को सजा सुनायेंगे। बलात्कार के लिए कम से कम दस साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। साधक’ हनुमान पर पीड़िता को बहलाने सहित सांई के कमरे में ले जाने का आरोप था। सूरत पुलिस ने सांई के खिलाफ 2014 में 1,100 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया था। साल 2013 में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद सूरत की दो बहनों ने 2013 में पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आसाराम बापू और नारायण सांई ने उनका यौन उत्पीड़न किया था।
आपको बता दें कि नारायण सांई का पिता आसाराम जोधपुर में बलात्कार के एक दूसरे मामले में दोषी पाया जा चुका है और वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है और सूरत में रहने वाली महिला के द्वारा दायर मामला गांधी नगर अदालत में चल रहा है।