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चुनाव विशेष : कुरुक्षेत्र में जब आमने-सामने चुनावी रण में होंगे भाई-भाई

20 April 2019 :धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र अगर हम कहे तो गलत नहीं होगा।एक और जहां सत्ता के लिए हजारों साल पहले चचेरे भाइयों में महाभारत का महायुद्ध लड़ा था।ऐसी ही स्तिथि अब एक बार फिर कुरुक्षेत्र की धरती नज़र आ रही है,जब चुनावी महाभारत में भाई-भाई के आमने-सामने होंगे। जी हाँ हम बात कर रहे हैं देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी यानि दिग्विजय चौटाला और अर्जुन चौटाला हो चगुनाव लड़ने की। आपको बता दें किदेवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी यहां लोकसभा के चुनाव में एक-दूसरे के सामने उम्मीदवार हो सकते हैं। जननायक के पौते अभय चौटाला ने अपने छोटे बेटे अर्जुन चौटाला को इस रण में उतार दिया है। इससे पहले से ही अभय के बड़े भाई डॉ. अजय सिंह चौटाला के छोटे बेटे दिग्विजय चौटाला का नाम इसी सीट से उम्मीदवार के रूप में लिया जा रहा है। इस बात से उन्होंने खुद भी इंकार नहीं किया है, दिग्विजय चौटाला ने यह भी कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इनेलो ने अर्जुन चौटाला को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वे खुद भी कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह इतिहास ही होगा कि देवीलाल की चौथी पीढ़ी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के परिवार में भी राजनीतिक मतभेद शुरू से ही रहे हैं। उनके बड़े बेटे प्रताप सिंह चौटाला कांग्रेस में थे। वे 1967 में ऐलनाबाद से विधायक बने। उन्होंने 1977 और 1982 में भी चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने खुद को राजनीतिक से अलग कर लिया था। ओमप्रकाश चौटाला इनेलो के सुप्रीमो हैं। उनके भाई रणजीत सिंह चौटाला कांग्रेस में हैं। देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला राजनीति में सक्रीय नहीं रहे।

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