चंडीगढ,22सितम्बर। हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा-सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साध्वी बलात्कार मामले में पिछले 25 अगस्त को जेल जाने के बाद हो रहे राज-दर-राज खुलासों में शुक्रवार को एक बडा खुलासा और शुमार हो गया जबकि गुरमीत की राजदार समझी जाने वाली हनीप्रीत के पूर्व पति विश्वास गुप्ता ने खुले शब्दों में कहा कि गुरमीत व हनीप्रीत के बीच वो सभी रिश्ते थे जो कि पति व पत्नी के बीच होते है। उन्होंने अपनी आंखों से दोनों को ऐसे रिश्ते बनाते हुए देख लिया था। हनीप्रीत को गुरमीत बताता तो बेटी था लेकिन बर्ताव पत्नी जैसा करता था।
विश्वास गुप्ता ने शुक्रवार शाम यहां पत्रकारवार्ता में उस आपबीती का खुलासा किया जिसमें हनीप्रीत के साथ उनका विवाह करवाने से लेकर जान से मारने की सुपारी देने तक की कहानी शामिल है। आपबीती सुनाते हुए विश्वास गुप्ता कैमरों के सामने फफक पडे। उन्हें ढाढस बंधा कर शांत किया गया। विश्वास गुप्ता ने कहा कि जेल में बैठा गुरमीत भी बहुत ताकतवर है। उन्हें अब भी जान का खतरा है। पता नहीं यह पत्रकारवार्ता करने के बाद मैं जिंदा रहूं या न रहूं।
विश्वास ने कहा कि जब वे डेरा परिसर में ही रहते थे तब भी हनीप्रीत उनके पास नहीं रहती थी। वह कुल 24 घंटों में से 23 घंटे गुरमीत के साथ ही रहती थी। मेरा कमरा भी गुरमीत के निवास के साथ-साथ ही था और वर्ष 2011 में एक बार रात के समय अचानक नींद खुलने पर उन्हें दोनों के बीच चल रहा वह सब देखने का मौका मिल ही गया जो कि पति-पत्नी के बीच होता है। शायद ईश्वर मुझे वह सब दिखाना ही चाहता था।
लम्बी कहानी में विश्वास गुप्ता ने कहा कि डेरा ने धमका कर उनकी सम्पत्ति छीन ली थी। बंदूक दिखाकर रजिस्ट्ी पर दस्तखत करवाए गए। मुझे पहले भ्रम में रखने के लिए सुरक्षा व गाडियां दी गईं। दहेज का झूठा मुकदमा मेरे खिलाफ दर्ज करवाया गया। जेल भिजवाया गया और वहां गुंडों से पिटवाया गया। मुझे जान से मारने के लिए दस लाख की सुपारी दी गई। दहेज के झूठे मुकदमे से पीछा छुडाने व उत्पीडन से बचने के लिए मैंने गुरमीत से माफी भी मांगी थी।
उन्होंने कहा कि रात में हनीप्रीत को अपने पास रखने के लिए गुरमीत बुखार होने का बहाना बनाता था। हनीप्रीत भी खुशी-खुशी जाती थाी। मेरे पास न आने का कारण बताते हुए कहती थी कि वह बाबा की सेवा कर रही है। गुरमीत कहता था कि बेटी है तो रात को भी ठहर सकती है। गुरमीत ने हनीप्रीत को अपनी मझली बेटी बताया था। लेकिन गुरमीत ने हनीप्रीत को कानूनन गोद नहीं लिया था। गुरमीत व हनीप्रीत की उम्र में 13 साल का अंतर था। मैं दामाद नहीं बल्कि भाडे के टट्टू की तरह बना दिया गया था। हनीप्रीत जब गुरमीत के पास गुफा में जाती थी तो उन्हें बाहर बैठा दिया जाता था। बाद में आखिर गुरमीत ने उन्हें घर भेज दिया और हनीप्रीत को अपने पास रखा। इसकी परिणिति तलाक में हुई। वर्ष 1999 से 2009 तक उन्हें गुरमीत और हनीप्रीत के अंतरंग सम्बन्धों का पता नहीं था। उन्होंने कहा कि साध्वियों द्वारा गुरमीत के खिलाफ लगाए गए आरोप सही है। लेकिन वर्ष 2009 के बाद गुरमीत के सिर्फ हनीप्रीत के साथ सम्बन्ध थे। तभी से डेरा सच्चा सौदा का सारा मेनेजमेन्ट हनीप्रीत के हाथ में था। हनीप्रीत पर गुरमीत को लडकियां भेजने का आरोप गलत है। हनीप्रीत को यह पसंद नहीं था कि कोई और गुरमीत के पास जाए।
विश्वास गुप्ता ने कहा कि गुरमीत ने बिग बाॅस का सैट बनाया हुआ था। गुरमीत खुद बिग बाॅस का रोल करता था। एक ऐसे शो के बाद हनीप्रीत को पचास हजार रूपए का इनाम दिया गया और इसके बाद ही हनीप्रीत को बेटी घोषित किया गया। गुरमीत ने एक बार 28 दिन तक छह परिवारों को बिग बाॅस खिलाया था।