चंडीगढ,3 दिसम्बर: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के परिवहन विभाग को आदेश दिया है कि सामान्य वर्ग के पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित परिचालकों के पदों में से शेष रहे पदों पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों में से मेरिट क्रम में नियुक्ति दी जाए।
जानकारी के अनुसार नियुक्तियों का यह मामला वर्ष 2009 से शुरू हुआ था। हरियाणा के परिवहन विभाग ने तब परिचालक के 2480 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। बाद में इन पदों को बढाकर 3937 कर दिया गया था। इनमें से 267 पद सामान्य वर्ग के पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित किए गए थे। भर्ती के दौरान मानकों के अनुसार उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने से पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों में से 174 पद खाली रह गए थे। प्रतीक्षा सूची में शेष रहे अभ्यर्थियों ने परिवहन विभाग को कानूनी नोटिस देकर 174 पदों को सामान्य वर्ग के लिए अनारक्षित कर उन्हें नियुक्ति देने की मांग की थी। लेकिन विभाग ने इस मांग की अनदेखी कर दी।
बता दें कि परिवहन विभाग की अनदेखी पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों ने वर्ष 2013 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्टके आदेश के अनुसार पूर्व सैनिकों को आरक्षण से शेष रहे पदों को सामान्य वर्ग के कोटे में लौटाते हुए उन्हें नियुक्ति देने की मांग की। हाईकोर्टने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद््देनजर परिवहन विभाग को आदेश दिया कि पूर्व सैनिकों के आरक्षण कोटे के बचे 174 पदों को सामान्य वर्ग केअनारक्षित कोटे में लौटाते हुए प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को मेरिट आधार पर नियुक्ति दी जाए। इस आदेश की पालना में परिवहन विभाग ने याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति दे दी। प्रतीक्षा सूची की मेरिट में याचिकाकर्ता पीछे थे। उनके मुकाबले मेरिट में आगे रहने वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में फिर याचिका दाखिल कर उन्हें नियुक्ति देने की मांग की। इस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को 174 पदों पर मेरिट क्रम में नियुक्ति दी जाए।