अम्बाला- सिविल सर्जन डा0 विनोद गुप्ता ने कहा कि सरकार के संज्ञान में इस तरह के मामले आये थे कि सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी के बाद स्टाफ नर्स, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मचारी, वार्ड कर्मचारी, एंबुलैस चालक व अन्य स्टाफ द्वारा परिवार के सदस्यों से बधाई ली जाती थी। उन्होने कहा कि यह पूरी तरह गैर कानूनी है और स्वास्थ्य मंत्री ने सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से पत्र भेजकर इस प्रथा पर पूर्णत: रोक लगाने के आदेश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोई कर्मचारी परिजनों से डिलीवरी की एवज में बधाई लेता पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। सिविल सर्जन ने जनता से अनुरोध किया है कि यदि सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के बाद कोई भी कर्मचारी परिवार के सदस्यों से बधाई की मांग करता है तो उसकी सूचना अस्पताल के इंचार्ज अथवा सिविल सर्जन कार्यालय के दूरभाष नम्बर 0171-2557473 पर दी जा सकती है ताकि व्यवस्था में सुधार किया जा सके।
घर पर प्रसुति कराना जानलेवा हो सकता है।
डा0 विनोद गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग को यह निर्देश दिये है कि वे अपने क्षेत्र की महिलाओं को अस्पताल में डिलीवरी करवाने के लिए प्रेरित करें क्योंकि घर में करवाई गई डिलीवरी जच्चा और बच्चा के लिए जानलेवा सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि घर पर डिलीवरी करना हानिकारक होने के साथ-साथ अवैध भी है। उन्होंने कहा कि कोई भी दाई, नर्स या डाक्टर घर पर डिलीवरी नहीं कर सकते।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा सरकारी अस्पतालों में सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ धारण से लेकर डिलीवरी तक सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी गर्भवती महिलाओं के चैकअप, टैस्ट, दवाईयां, एंबुलैस सेवा और सरकारी अस्पताल में डिलीवरी बिल्कुल मुफ्त की जाती है। उन्होंने सभी गर्भवती महिलाओं से अपील की है कि वे अपनी और गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रसुति अस्पताल में ही करवाएं।