घरौंडा के बी.डी.पी.ओ. कार्यालय परिसर में सरकार के निर्देशानुसार लम्बरदारों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने लम्बरदारों का सम्मान करते हुए उनकी जिम्मेदारी को याद दिलाया और कहा कि वे आवेदन अथवा डॉक्यूमेंट को विवेकपूर्ण होकर तस्दीक करें तथा इस कार्य में ऐसी कोताही ना करें, जिससे व्यक्ति को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़े। डॉक्यूमेंट को विवेकपूर्ण होकर तस्दीक करे लम्बरदार। लम्बरदार अपनी डयूटी के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी करे सहयोग।
उपायुक्त ने लंबरदारो से कहा कि अंग्रजों के जमाने से लंबरदार का पद चला आ रहा है, जिन्हे विलेज हैडमैन कहा जाता था। अर्थात गांव के मुखिया के रूप में उनकी बात पर विश्वास किया जाता था, यह प्रथा अब तक जारी है। लंबरदार आज भी सम्पत्ति के वारिश व उनका मालिकाना हक के डॉक्यूमेंट को तस्दीक करते हैं, विरासत की रजिस्ट्री में भी लंबरदार की जरूरत पड़ती है। राजस्व की रिकवरी भी करवाते हैं। एक तरह से यह महत्वपूर्ण संस्था के रूप में कार्य करते हैं। उन्होने कहा कि अब कम्प्युटर युग आ गया है, लेकिन लंबरदार अब भी अपने हाथ से ही तसदीक करते हैं।
उन्होने कहा कि अब लंबरदारो की जिम्मेदारी ओर बढ़ गई है, सरकार ने भी इस पर ज्यादा भरोसा किया है। अत: लंबरदार अपनी ड्ïयूटी के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी सहयोग दें। वर्कशॉप में जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान ने उपस्थित लंबरदारो को ई-रजिस्ट्री, ई-स्टैम्पिंग, रजिस्ट्रेशन व इंतकाल जैसी जानकारी दी और लंबरदारो द्वारा पूछे गए सवालो का समाधान किया तथा उनके सुझाव भी लिए।
इसके पश्चात उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने उपमण्डलाधीश घरौंडा व तहसीदार के कार्यालय का निरीक्षण किया। इन कार्यालयों से जुड़े सरकारी लक्ष्यो में जहां-जहां कमियां थी, उन्हे दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होने इन कार्यालयो के अधिकारियों को कहा कि सरकारी रिकवरी पूरी की जाए। इंतकाल लम्बित ना रखें, निर्धारित समय सीमा में ही निपटाएं, ताकि लोगों को सुविधा मिले और परेशानी ना हो। राजस्व से जुड़ी सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करें।