Sunday , 10 November 2024

परिवहन मंत्री ने बताई निजी बसें किराए पर लेने की मजबूरी

चंडीगढ,13 नवंबर । हरियाणा में राज्य सरकार और रोडवेज कर्मचारी यूनियनों के बीच निजी बसों को किराए पर लेने के मुद््दे पर मतभेद बने हुए है। यूनियनों ने रोडवेज के बेडे में निजी बसों को शामिल करने के विरोध में पिछले 16 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक चक्काजाम हडताल भी की थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर यूनियनों ने हडताल तो समाप्त कर दी लेकिन मतभेद बरकरार है। इस बीच प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मंगलवार को यहां कहा कि निजी बसें किराये पर लेना राज्य सरकार की मजबूरी है।

 

 

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जहां प्रदेश में 33 लाख लोगों की यात्रा जरूरत पूरी करने के इंतजाम किए जाने हैं वहां अभी 12 लाख लोगों को यात्रा सुविधा दी जा रही है। सभी लोगो की यात्रा जरूरत पूरी करने के लिए रोडवेज के बेडे में 14 हजार बसों को शामिल करने की जरूरत है लेकिन अभी रोडवेज के पास मात्र 4400 बसें है। उन्होंने बताया कि हालांकि राज्य सरकार रोडवेज के लिए बसें खरीद भी रही है। वर्ष 2016-17 में 600 बसें खरीदी गई तो 2017-18 से 650 बसें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि रोडवेज में हर साल 300 से 350 बसें कण्डम हो जाती है।

 

 

पवार ने बताया कि प्रदेश के यात्रियों की इस जरूरत के मद््देनजर केबिनेट ने निजी बसों को किराए पर लेने का फैसला किया था। बसें किराए पर लेने के लिए ऑनलाइन टेण्डर आमंत्रित किए गए थे और 49 बस ऑपरेटरों की 500 बसों के लिए अनुबन्ध किया गया। यह दस साल का अनुबन्ध अब रद््द करना संभव नहीं है। अनुबन्ध के तहत बस ऑपरेटरों ने अपनी बसें तैयार करवा ली है। अब यदि अनुबन्ध रद््द किया जाता है तो बस ऑपरेटर भी हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *