फतेहबाद, 15 अक्तूबर(जितेंद्र मोंगा): प्रदेश में एक बार फिर सरकार और रोडवेज कर्मचारी होंगे आमने सामने हैं। रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बता दें रोडवेज कर्मचारियों ने 16 और 17 अक्तूबर यानि दो दिन प्रदेश में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। इस दो दिवसीय हड़ताल को लेकर रोडवेज की विभिन्न यूनियनों ने अपनी कमर कस ली है। जिसके तहत रोडवेज कर्मियों ने मीटिंग कर हड़ताल की रणनीति तैयार की।
कर्मचारियों नेताओं का कहना है कि सरकार लंबे समय से रोडवेज का नीजिकरण करने पर तुली है जिसके लिए प्रदेश में 720 बसों को किलोमीटर के आधार पर परमिट देकर सड़कों पर उतारने का प्रयास कर रही है जिसका रोडवेज यूनियन काफी समय से विरोध करती आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर निजी बसें सड़कों पर आती हैं तो प्रदेश के आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उनहोंने कहा इस मुद्दे को लेकर पहले भी कई बार सरकार के साथ वार्ता हो चुकी है मगर सरकार अपना फैसला वापिस नहीं ले रही है जिसके चलते रोडवेज यूनियन को चक्का जाम जैसा सख्त फैसला लेना पड़ रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि बीते दिनों प्रदर्शन के दौरान एस्मा के तहत निलंबित किए गए कर्मचारियों का बिना शर्त के निलंबन वापिस लेने की भी मांग की है। कर्मचारियों नेताओं ने कहा कि पूर्व की भांति इस बार अगर सरकार ने आंदोलन को दबाने का प्रयास किया तो कर्मचारी इसकी कोई परवाह नहीं करेगी।