ब्यूरो रिपोर्ट- अंम्बाला मे तहसीलदार पिता टीकाराम गौतम ने अपने बेटे को लाभ पहुँचाने के लिए रेवन्यू रिकॉर्ड से ऐसी छेड़छाड की मानो उनका कोई बाल भी बाका नही कर सकता, मगर एक आरटीआई ने तहसीलदार साहिब का सारा खेल ही बिगाड़ कर रख दिया। मामला फरवरी माह 2018 का है, उस समय अंम्बाला शहर में टीकाराम गौतम नाम के अधिकारी ने अपने बेटों को लाभ पहुँचाने के लिए अंम्बाला में बने मार्किट कॉमप्लैक्स से अपने बेटों के नाम से बनी कंपनी (MS Waheguru Global LLP ) जिसके पार्टनर आरटीआई के मुताबिक तहसीलदार साहिब के बेटे अभिनव गौतम जो मौजूदा नायब तहसीलदा अंम्बाला शहर हैं व वैभव गौतम के नाम पाँच दुकानें रजिस्टर्ड लीज़ पर ली। अब आप कहेंगे कि इसमें तो कोई घोटाला ही नही है।
मगर असली धोटाला तो यहीं शुरु हुआ, दरअसल टीकाराम गौतम ने खुद तहसीलदार रहते अपने बेटों के नाम जिन पाँच दुकानों की रजिस्टर्ड लीज़ करी उनमें टीकाराम गौतम ने सारे नियम कायदे व कानूनो को ताक पर रख दिया। दरअसल इस रजिस्टर्ड डीड के 2 नंबर पृष्ठ को दोखेंगे तो उसके मुताबिक अभिनव गौतम व वैभव गौतम के नाम एक शोपिंग कॉमप्लैक्स में बनी 2,3,12,21,22,दुकानें ही लीज़ पर दी गई थी मगर जैसे ही नजर पृष्ठ 16 पर पड़ती है तो उसमें जो प्रोपर्टी डीटेल दी गई है उसमें इन दुकानों का पता चला की यह जगह जहां मार्किच कॉमपलैक्स बना है उससे लगभग 2 से 3 की.मी दूर अलग दिशा में पड़ता है।
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बड़ा सवाल
ऐसे में बड़ा सवाल ये खड़ा होता है की हर छोटी-छोटी बात पर कमीयां निकालने वाला रेवन्यू विभाग का अधिकारी अपने बेटे की डीड रजिस्टर्ड करते समय इतनी बड़ी गलती कैसे कर गया। शहर में चर्चा है कि, एक ही परिवार के कई अधिकारी इस मार्किट कॉमपलैक्स के मालिक को लाभ पहुँचाने के लिए कई बार जान बुझकर इस तरह की बड़ी गलतीयों को छुपा जाते है पर आम आदमी सिर्फ और सिर्फ चक्कर काटता रहता है।
क्या कहते हैं नायाब तहसीलदार अभिनव गौतम
जब इस पूरे मामले को लेकर अम्बाला के मौजूदा तहसीलदार व टीकाराम गौतम के बेटे अभिनव गौतम से प्रथम तहलका के प्रधान संपादक ने बात की तो अभिनव गौतम ने कहा कि, यह कंपनी 2018 की है मेरे नायब तहसीलदार बनने से पहले की अब मेरा इस कंपनी से कोई लोना दोना नही है। वहीं उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी टीकाराम गौतम उस समय यहां नायब तहसीलदार थे वह इस बात को मानते है मगर शौरुम कही और व जगह कही और वाली बात का जवाब वह भी नही दे पाए। वहीं उन्होंने माना की रैंट डीड मेरा नाम है और हमने इस रैंट डीड को न तो कैंसल करवाया बहरहाल अब यह कहना गलत नही होगा की टीकाराम गौतम ने अपने परिवार को लाभ पहुँचाने के लिए बहुत कुछ गोलमाल किया है जो अब आरटीआई से बाहर आ रहा है।
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