उत्तर प्रदेश डेस्क- उत्तर प्रदेश का पहला जीका वायरस का रोगी कानपुर महानगर में सामने आया है। जिसके बाद से कानपुर स्वास्थ विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने एयरफोर्स में मिले इस रोगी को सेवन एयरफोर्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया है। जहां उनके परिजनों को भी रोगी से मिलने की इजाजत नहीं है। इसके साथ ही एयरफोर्स कर्मी के निवास स्थान के जकारिया कंपाउंड के एक किलोमीटर के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।
चूंकि जीका वायरस जिस मच्छर से फैलता है वो चार सौ मीटर तक की रेंज में असर डालता है। इसलिए पूरे एक किलोमिटर के इलाके में दवा का छिड़काव किया जा रहा है ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके। कानपुर के सीएमओ की मानें तो दिल्ली और लखनऊ से आई स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम समन्वय करके काम कर रही है।
इन इलाकों में संक्रमित के परिवार
कानपुर महानगर में जीका वायरस का मरीज मिलने के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है और इसके सोर्स का पता लगाने में जुटी स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने पोखरपुर और पर्देबनपुरवा में सघन तलाशी शुरू कर दी है। इन इलाकों में संक्रमित के परिवार रह रहे हैं। आशंका है कि, कोई संक्रमित क्षेत्र में जरूर आया है। जिससे एयरफोर्स कर्मी संक्रमित हुआ है। इसके लिए उन प्रदेशों और विदेशों से आने वाले लोगों की बाकायदा एक लिस्ट बनाई जा रही है।
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स्वास्थ्य विभाग चुनौती से पार पाने के लिए अपनी कमर कस चुका
फिलहाल रूम में डॉक्टरों के अलावा और किसी को जाने की इजाजत नहीं है। दरअसल, 4 दिन पहले जीका वायरस के रोगी को सांस लेने में और हाइपरटेंशन की परेशानी हुई थी। जिसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. तब जीका वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट भी नहीं आई थी। जीका वायरस के मामले के मिलने के बाद राहत की बात यह कि, इस वायरस के जांच के लिए भेजे गए सभी 22 नमूने नेगेटिव आए हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाने की बड़ी चुनौती स्वास्थ विभाग के सामने है हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, वह किसी भी चुनौती से पार पाने के लिए अपनी कमर कस चुका है।