पंजाब डेस्क- पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने के संकेत दे भविष्य की राजनीति की ओर इशारा कर दिया है। सीएम पद से इस्तीफे के बाद कैप्टन की गृहमंत्री अमित शाह से मेल-मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को दोहरा झटका देने वाले कैप्टन किसान आंदोलन पर भी राजनीतिक उलट-फेर कर सकते हैं। हालांकि कैप्टन ने भारतीय जनता पार्टी से अंदरखाने कुछ शर्तें रखी हैं। ऐसे में बहुत संभव है कि, पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन को लेकर कोई बड़ा घटनाक्रम सामने आ जाए। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि अंदरखाने मोदी सरकार ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।
इशारों-इशारों में कैप्टन ने दिया संकेत
गौरतलब है कि, नई पार्टी की घोषणा करने के साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संकेतों में कहा था कि, किसान आंदोलन का कोई सर्वमान्य हल निकलने की सूरत में भाजपा संग गठबंधन से इंकार नहीं किया है। जाहिर है कि, किसान आंदोलन का हल निकलना भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।
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भविष्य की राजनीति है टिकी
इन संकेतों को देखें तो किसान आंदोलन पर भाजपा कैप्टन की राजनीति टिकी हुई है। यदि किसान आंदोलन ऐसे ही जारी रहा तो कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भाजपा के साथ जाना खतरनाक होगा। भाजपा का पंजाब में जैसा विरोध है, उसका खामियाजा सीधे तौर पर कैप्टन को भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में यह भाजपा कैप्टन दोनों के लिए फायदेमंद की स्थिति होगी कि पंजाब में चुनाव से पहले किसान आंदोलन का कोई समाधान निकल आए। ऐसे में संभव है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन पर कोई हल सामने आ जाए.