नेशनल डेस्क- देश की राजधानी दिल्ली से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर, एक छात्र की जिंदगी ने मौत का 12 किलोमीटर तक पीछा किया और मौत के मुहाने तक पहुंचे छात्र को बचा लिया। परीक्षा में असफल होने के बाद छात्र ने अपने ट्विटर एकाउंट पर जान देने की बात लिखकर यमुना नदी में जान देने सिग्नेचर ब्रिज पहुंचा था, उसने नदी में छलांग भी लगा दी, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया। असल में जिस ट्वीट में उसने अपनी मौत का पैगाम लिखा था उसी ने उसकी जान बचाई। फिलहाल उसका उपचार एक अस्पताल में चल रहा है, जहां उसके स्वजन भी मौजूद हैं।
दोस्त ने अलवर पुलिस को जानकारी दी
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के अलवर का रहने वाला 20 वर्षीय मनीष दीक्षित बेंगलुरु स्थित नेशनल ला यूनिवर्सिटी का छात्र है। कुछ दिन पहले आए परीक्षा परिणाम में वह एक सेमेस्टर में असफल हो गया था। उसके बाद तनाव में आ गया था और 28 फरवरी को अपने दोस्तों और स्वजन को बिना बताए दिल्ली आकर पहाड़गंज के एक होटल में ठहरा हुआ था। शनिवार को उसने ट्वीट कर आत्महत्या करने जाने की जानकारी दी। मनीष का ट्वीट पढ़ते ही उसके एक दोस्त ने अलवर पुलिस को जानकारी दी। अलवर पुलिस के कंट्रोल रूम से मध्य जिले के पहाड़गंज थाना पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर एसएचओ रविंदर कुमार तोमर के नेतृत्व में एसआइ, एसआइ, सिपाही और की टीम उस होटल पहुंची जहां छात्र ठहरा था।
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फोन की लोकेशन से बची छात्र की जान
पता चला की, वह 15 मिनट पहले ही होटल से निकला है। पुलिस टीम ने छात्र के स्मार्ट फोन पर काल किए, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया, ऐसे में उनके फोन की लोकेशन निकलवाई गई। जो पहाड़गंज से 12 किमी दूर सिग्नेचर ब्रिज की निकली। ऐसे में वायरलेस के जरिए एसएचओ तिमारपुर को इस प्रकरण की सूचना दी गई। उन्होंने एसआइ व दो पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को देखकर छात्र ने नदी में छलांग लगा दी, लेकिन, पुलिस टीम ने गोताखोरों की मदद से उसे बाहर निकलवा लिया। खबर लिखे जाने तक वह उपचार के लिए एक अस्पताल में भर्ती है। वह खतरे से बाहर है। छात्र के परिजन भी राजस्थान से दिल्ली आ गए हैं।