Friday , 20 September 2024

हरियाणा विधानसभा का स्पेशल सैशन आज, चंडीगढ़ के मुद्दे पर हरियाणा सरकार देगी जवाब

हरियाणा डेस्क- आज हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र काफी गर्म होने वाला है। चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर पंजाब विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव के विरोध में हरियाणा इस सत्र में पंजाब को चंडीगढ़ और एसवाईएल नहर के मुद्दे पर उसी के अंदाज और भाषा में जवाब देगा। दोनों प्रदेशों की संयुक्त राजधानी के मुद्दे पर पंजाब द्वारा उठाए गए कदम के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा।  सतलुज-यमुना लिंक नहर के जरिये पानी व हिंदी भाषी गांवों को हरियाणा को सौंपने तथा अलग हाई कोर्ट के लिए भी प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। हरियाणा के अधिकारों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार के साथ जुड़कर खड़े हुए कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करेंगे।

वहीं, पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का प्रस्ताव पारित कराया था। तभी से हरियाणा की राजनीति में उबाल आया हुआ है। विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सोमवार को सरकार के स्तर पर सारा दिन रणनीति बनाने के लिए बैठकों के दौर जारी रहे तो कांग्रेस ने भी दिल्ली और चंडीगढ़ में विधायक दल और संगठन की अलग-अलग बैठकें कर प्रस्ताव पारित किए। भाजपा पहले ही इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर चुकी है। मंगलवार को हरियाणा सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव पर पंजाब की नजरें टिकी रहेंगी।

1970 के फैसले को आधार बनाकर विरोध
दोनों प्रदेशों में केवल चंडीगढ़ ही नहीं, बल्कि एसवाईएल और पंजाबी व हिंदी भाषाई क्षेत्रों को लेकर भी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। वर्ष 1966 में हरियाणा गठन के बाद वर्ष 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने का फैसला किया था, लेकिन हरियाणा में विरोध के चलते मामला ठंडा होता चला गया। हरियाणा विशेष सत्र में चंडीगढ़ पर अपना अधिकार जताता है तो पंजाब केंद्र के 1970 के फैसले को आधार बनाकर इसका विरोध कर सकता है। वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोहराया कि पंजाब चंडीगढ़ की बात करता है, लेकिन एसवाईएल कहां गई। पंजाब पानी रोकता है और दिल्ली मांगता है। पंजाब पहले पानी दे और हमारे हिंदी भाषी गांव दे। उसके बाद किसी अन्य मुद्दे पर बात होगी।

होगी बीएसी और कैबिनेट की बैठक
मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी। इसमें सत्र की अवधि और इसमें रखे जाने वाले प्रस्तावों को लेकर चर्चा की जाएगी। सुबह 11 बजे विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होगा। विशेष सत्र के समापन के तुरंत बाद तीन बजे मनोहर कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें कई अहम निर्णय लिए जाने हैं।

हरियाणा के पक्ष में आ चुका एसवाईएल पर फैसला
एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा में पक्ष में आ चुका है। इस फैसले को क्रियान्वयन करवाने के लिए प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट गई हुई है। सुप्रीम कोर्ट दोनों राज्यों को मिल बैठकर नहर निर्माण का रास्ता निकालने के निर्देश भी दे चुका है। साथ ही केंद्र सरकार को भी इस बाबत निर्देश दिए हुए हैं। पंजाब में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पूर्व की अकाली और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भी एसवाईएल पर प्रस्ताव पास कर चुकी है। कैप्टन अम¨रदर ¨सह ने तो सभी जल समझौते रद करने का प्रस्ताव पास कर दिया था। पंजाब सरकार नहर के लिए अधिग्रहीत की गई किसानों की जमीन को भी डी-नोटिफाई कर चुकी है।

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