Sunday , 10 November 2024

आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए SIA का हुआ गठन, जामें क्या होंगी संगठन की ताकतें

जम्मू-कश्मीर डेस्कजम्मू-कश्मीर में पिछले महीने कई आतंकी घटनाएं हुईं। कई आम नागरिकों को भी दहशतगर्दों ने अपनी गोली का निशाना बनाया। लेकिन, अब इन बढ़ते हमलों को रोकने और तय समय पर जांच करने के लिए SIA का गठन कर दिया गया है। अब NIA की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में SIA भी काम करने जा रही है।

SIA का उदेश्य हर बड़ी साजिश को समय से पहले एक्सपोज करना, आतंकी हमला होने पर तेज जांच करना रहेगा। इस जांच एजेंसी में एक निदेशक रहेगा और बाकी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे। सरकार की तरफ से ही उन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। अब SIA की ताकत को इसी बात से समझा जा सकता है कि, हर बड़े केस में SIA को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। अगर पुलिस किसी घटना की जांच कर रही है तो SIA को लगातार अपडेट करना होगा।

डीजीपी को देनी होगी जानकारी

वहीं अगर डीजीपी को कोई अपराध ज्यादा गंभीर लगे या फिर उसमें आतंक के बड़े एंगल सामने आएं, ऐसे मामलों में भी जांच SIA को सौंपी जा सकती है। वहीं कई मामलों में SIA खुद भी जांच अपने हाथ में ले सकता है। सिर्फ शर्त इतनी रहेगी कि एजेंसी को इस बात की जानकारी डीजीपी को देनी होगी। वैसे आतंक से जुड़े कई मामलों की जांच SIA कर पाएगी, फिर चाहे वो टेरर फंडिंग हो, अपहरण या हत्या का मामला हो, भारत सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार हो, हर केस में ये नई जांच एजेंसी सक्रिय भूमिका निभाएगी।

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सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल रहे, इसलिए भी जम्मू-कश्मीर में SIA गठित करने की जरूरत पड़ी है। अब दूसरी केंद्रीय एजेंसियों संग भी SIA ही समन्वय बैठाने का प्रयास करेगी और जब तालमेल ठीक रहेगा तो हर केस कम समय में सुलझ जाएगा।

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