इंटरनेशनल डेस्क: परमाणु हथियारों का खुलेआम इस्तेमाल करने की धमकी दिए जाने को काफी अरसा बीत चुका है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार ऐसा कर ही दिया। उन्होंने अपने हालिया संबोधन में चेतावनी दी कि अगर कोई रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने से रोकने की हिमाकत करता है तो उनके पास जवाब देने के लिए परमाणु हथियार उपलब्ध हैं। उनकी इस धमकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है।
रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध की आशंका
इसके मद्देनजर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि किसी भी संभावित हमलावर को हार का सामना करना पड़ेगा और हमारे देश पर हमला करने के बेहद घातक अंजाम भुगतने होंगे।’ परमाणु प्रतिक्रिया के संकेत देकर पुतिन ने उन आशंकाओं को बल दे दिया है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई आगे चलकर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकती है। महाविनाश के इस मंजर से वे लोग वाकिफ हैं, जो शीतयुद्ध काल में बड़े हुए, जब अमेरिकी छात्रों से परमाणु सायरन बजने पर स्कूल में अपनी डेस्क के नीचे छिपने के लिए कहा जाता था।
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राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान परमाणु बम गिराने के दिए थे आदेश
उस साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान पर इस यकीन के साथ परमाणु बम गिराने के आदेश दिए थे कि यह द्वितीय विश्व युद्ध को जल्द समाप्त करने का सबसे कारगर तरीका होगा। इस कदम ने द्वितीय विश्व युद्ध को खत्म भी किया, लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी में लगभग 2,00,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम आदमी थे। आज भी, दुनियाभर में कई लोग इसे मानवता के खिलाफ अपराध मानते हैं और सवाल करते हैं कि, क्या परमाणु हमला करना जरूरी था।