नेशनल डेस्क: अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं, तो एक खुशखबरी हैं। जी हां, अब आपको ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में 1 जुलाई से बड़ा बदलाव किया है। जिसके बाद आपको आरटीओ जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।
इसलिए RTO जाने की जरूरत नहीं
MORTH के नियम के अनुसार अगर आपने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर से ट्रेनिंग ली है तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। वहीं सरकार ने हाल ही में राज्यवार ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को मान्यता देना शुरू कर दिया है, जहां आप आसानी से टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर चलाना सीख सकते हैं।
सप्ताह में 29 घंटे ड्राइविंग करनी होगी
नए नियम के अनुसार आपको ड्राइविंग सेंटर्स पर हल्के मोटर व्हीकल कोर्स के लिए 4 सप्ताह में 29 घंटे ड्राइविंग करनी होगी। इसके साथ ही 28 दिनों में आपको ड्राइविंग सीखनी भी होगी। अगर ड्राइविंग सेंटर्स आपको पास कर देते हैं तो फिर आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कोई और टेस्ट नहीं देना होगा। आपको बता दें कि अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य था, लेकिन 1 जुलाई से बदले गए नियमों के बाद अब ऐसा नहीं करना होगा. आइए जानते हैं अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए क्या करना होगा।