नेशनल डेस्क- सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की बर्बरता से हत्या का मामला शुक्रवार को लोगों की जुबान पर चढ़ा रहा। सोशल मीडिया पर इस हत्या की वीभत्व तस्वीरें शेयर की जाती रहीं। हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास इस व्यक्ति का शव बैरिकेड से बंधा मिला। एक हाथ कटा खून से लथपथ। जिसकी जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली है।उन्होंने इसका कारण पवित्र ग्रंथ की बेअदबी बताया है।
जिसमे से चार निहगों ने आत्मसमर्पण कर लिया है। परन्तु मृतक लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या के बाद निहंगों के तेवरों में कोई नरमी नहीं आई है। निहंगों ने दो टूक कहा है कि वे चार साथियों का आत्मसमर्पण करवा चुके हैं। अब और आत्मसमर्पण नहीं करवाएंगे। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर अब भी पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की तो वे उन साथियों को भी छुड़वा लेंगे, जो जेल में हैं। बाबा राजाराम सिंह ने मायावती की भी आलोचना की और उन्हें दलितों के बजाय ब्राह्मणों की नेता बताया।
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तीन आरोपी निहंगों को किया अदालत में पेश
सोनीपत पुलिस व सीआईए ने रविवार को तीन आरोपी निहंगों को अदालत में पेश किया। सरदार नारायण सिंह, भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत सिंह को लेकर पुलिस अदालत पहुंची। तीनों को सिविल जज की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को छह दिन के रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों ने जज के सामने कबूल किया कि लखबीर सिंह की हत्या उन्होंने ही की। नारायण सिंह ने कहा कि, उन्होंने पैर काटा तो भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने उसे लटकाया था।