उत्तर प्रदेश डेस्क- लखीमपुर खीरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार को फटकार लगाई है। जज सरकार की कार्रवाई से नाखुश नजर आए। सुनवाई के दौरान सवाल करते हुए पूछा कि यूपी पुलिस ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 44 में से सिर्फ 4 के ही बयान दर्ज किए।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा कि ऐसा लग रहा है कि, उत्तर प्रदेश पुलिस लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच में अपने पैर खींच रही है। जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग शामिल थे। विरोध के दौरान किसानों की मौत हो गई। कृपया उस धारणा को दूर करें। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। मामले में गिरफ्तारी पर असंतोष जताते हुए यह बयान दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट में हो रही देरी पर जती नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट में हो रही देरी पर कोर्ट में साल्वे ने कहा कि हम कल बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। इसको लेकर सीजेआई ने कहा कि, अगर आप आखिरी मिनट में रिपोर्ट देंगे तो हम कैसे पढ़ेंगे। आपको कम से कम एक या दो दिन पहले ये रिपोर्ट देनी चाहिए थी। आगे कहा कि, सरकार ने आखिर 44 में से 4 के ही बयान क्यों दर्ज किए। आखिर ऐसा क्यों हुआ।