हरियाणा डेस्क: हरियाणा सरकार और किसानों के बीच में होने वाली वार्ता भले ही किसानों की वजह से ना हो सकी हो, लेकिन हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अभी भी किसानों के लिए दरवाजे खुले रखे हैं। किसानों के हित को देखते हुए उन्होने अभी भी किसानों के लिए बातचीत का रास्ता खुला रखा है। इस बात का इशारा उनके एक बयान से पता चलता है। जब उन्होंने कहा कि पहली मीटिंग में तो किसान शामिल नहीं हुए थे लेकिन इन सब हालातों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही जानकारी दे दी थी तो वहीं अब वे सुप्रीम कोर्ट को भी पूरे मामले से अवगत करवाएंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे विज
मंत्री अनिल विज ने ये साफ कर दिया कि, वे तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने कहा कि, कोर्ट की तरफ से 24 सितंबर की तारीख मिली है, सरकार की तरफ से किए प्रयासों और हालातों को लेकर एक एफीडेविट भी दाखिल कर दिया है। जैसा अदालत आदेश देगी वैसी ही कार्रवाई की जाएगी।
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मंत्री अनिल विज ने किसानों के लिए अपनाया साकारात्मक रूख
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सिंघु बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से एक तरफ का रास्ता खुलवाने के लिए हरियाणा की सरकार और किसानो के बीच में एक मीटिंग होनी थी। जिसके लिए 19 सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई थी। लेकिन किसानों ने उस मीटिंग में शामिल होने से साफ मना कर दिया था और तब वो वार्ता विफल रही थी। हालांकि मंत्री अनिल विज ने अपनी तरफ से किसानों के लिए साकारात्मक रूख अपनाते हुए मीटिंग के लिए दरवाजे खुले रखे हैं।