लुधियान, 12 अक्टूबर(सुरेन्द्र अरोडा ): एटलैस कंपनी सोनीपत की ओर से अपने वैंडर्स को पेमेंट न करने का मामला विक्राल रुप धारण करता जा रहा है। नौबत यहाँ तक आ गई है कि कंपनी ने वैंडर्स को पैसे देने से साफ इंकार कर दिया है, जिससे वैंडर्स ने यूनाइटेड साइक्लि एंड पाट्र्स मैन्यूफैक्चररस एसोसिएशन (यूसीपीएमए) की सहायता ली है। इस सम्बन्ध में फिरोजपुर रोड स्थित स्थानीय होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें यूसीपीएमए के प्रधान इंदरजीत सिंह नवयुग ने कहा कि उनके पास एटलैस के करीब 45 वैंडर्स की रजिस्ट्रेशन आई है, जिसमें उन्होंने बताया कि एटलैस से 30 करोड़ बकायदा लेने हैं। नवयुग ने बताया कि एटलैस कंपनी ने राजस्थान का एक टेंडर बहुत की कम दाम में पिछले साल उठाया था और उस टेंडर को पूरा करने के लिए लुधियाना के वैंडर्स से मटीरियल लिया था। मटीरियल लेने के बाद वैंडर्स की पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि वैंडर्स को कंपनी के डायरेक्टर की ओर से 7 से 8 करोड़ के चैक दिए गए थे, जोकि फेल हो गए।
उन्होंने बताया कि 26 मार्च को दिल्ली में एटलेस कंपनी के डायरेक्टर विक्रम कपूर से मीटिंग की गई थी। जिसमें उन्होंने पैसे का भुगतान करने के लिए कहा था। परंतु बाद में जब दूसरी मीटिंग की गई तो उन्होंने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया और फोन तक उठाना बंद कर दिया। इंदरजीत नवयुग ने बताया कि एटलेस कंपनी ने सीधे तौर पर वैंडर्स के साथ फ्राड किया है और इनके खिलाफ लड़ीवार संघर्ष शुरु किया जाएगा। जिसमें स्पाल स्केल इंडस्ट्री, सीआईसीयू, सप्लायर एसोसिएशन व अन्य इंडस्ट्री के सदस्य सहयोग देने के लिए आगे आए है।
13 अक्तूबर को यूसीपीएमए आफिस गिल रोड के बाहर एटलैस कंपनी के डायरेक्टर का पुतला फूंका जाएगा। इसके बाद 16 अक्तूबर को पुलिस कमिश्नर से इनके खिलाफ कंप्लेंट दर्ज करवाकर धोखादड़ी का मामला दर्ज करने की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी वैंडर्स के पैसे वापिस न किए गए तो दिल्ली में उनके घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे। यह संघर्ष लड़ीवार किए जाएंगे। इस संबंधी पांच मैंबरी कमेटी का गठन भी किया गया है।