रेवाड़ी, 9 अक्तूबर | नवरात्र आज से शुरू हो गए है। बता दे पुरे भारत में नवरात्र बड़ी श्रद्धापुर्वक मनाए जाते हैं। वहीं रेवाड़ी में भी नवरात्रों की धूम देखने को मिली जहां मंदिर में आज प्रथम दिन माता शैलपुत्री और माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जा रही है। रेवाड़ी के प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर में सुबह से ही भग्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। नवरात्र के पवन अवसर पर माँ दुर्गा की प्रतिमा को भी विशेष रूप से सजाया गया है।
देवी दुर्गा दूसरा स्वरुप ब्रह्मचारिणी का है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है वह जो असीम, अनन्त में विद्यमान, गतिमान है। एक ऊर्जा जो न तो जड़ न ही निष्क्रिय है, किन्तु वह जो अनन्त में विचरण करती है। यह बात समझना अति महत्वपूर्ण है – एक गतिमान होना, दूसरा विद्यमान होना। यही ब्रह्मचर्य का अर्थ है। इसका अर्थ यह भी है की तुच्छता, निम्नता में न रहना अपितु पूर्णता से रहना। कौमार्यावस्था ब्रह्मचर्य का पर्यायवाची है क्योंकि उसमें आप एक सम्पूर्णता के समक्ष हैं न कि कुछ सीमित के समक्ष। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी सर्व-व्यापक चेतना है।