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 रावण दहन से धार्मिक भावनाओं को पहुँचता आहत: वाल्मीकि समाज

टोहाना, 9 अक्टूबर(नवल सिंह): दशहरे के मौके पर रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर आज वाल्मीकि समाज ने राजेश वाल्मीकि के नेतृत्व में एसडीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में वाल्मीकि समाज ने मांग की कि हर वर्ष दशहरे के अवसर पर रावण का बड़े से बड़ा पुतला बनाकर फूंकने पर बम्ब व पटाखे जलाए जाते हैं। जिससे भारी मात्रा में वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण तो होता ही है साथ में धन की भी बर्बादी होती है। दूसरी ओर हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रावण एक बहुत ज्ञानी व विद्वान पुरुष थे।
उनका मानना है कि हर वर्ष इस प्रकार से रावण का पुतला जलाकर उनके समाज का अपमान किया जाता है और साथ ही धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया जाता है जोकि कतई उचित नहीं हैं। वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि इससे समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
ज्ञापन में बताया गया कि इस मुद्दे को लेकर हरियाणा, पंजाब सहित अनेक राज्यों में ज्ञापन दिए गए तथा रावण दहन पर प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन टोहाना में पिछले कई सालों से ज्ञापन दिया जा रहा है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। इसलिए प्रशासन से निवेदन है कि धार्मिक भावनाओं, आर्थिक नुक्सान व पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए रावण दहन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

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