चण्डीगढ़,3अक्टूबर । यौन उत्पीडन प्रकरण में मुख्य गवाह पर हमले के मामले में आसाराम बापू के पुत्र नारायण साई की नियमित जमानत की मांग पर हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को जवाब दिया है। सरकार ने अपने जवाब में नारायण साई पर चल रहे तीनों मामलों में जमानत का विरोध किया है।
सरकार के जवाब के बाद नारायण साई के वकील ने इस मामले में जवाब देने के लिए कुछ समय की मांग की। हाई कोर्ट ने साई के वकील को समय देते हुए मामले की सुनवाई नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि मुख्य गवाह पानीपत निवासी महेन्द्र चावला पर हमले का आरोपी साफ कह चुका है कि उसको नारायण साईं ने मारने के लिए किराये पर लिया था। ऐसे में अगर नारायण साई को जमानत दी जाती है तो वह मामले को प्रभावित कर सकता है। अभियोजन के अनुसार आसाराम के बेटे नारायण साई ने दो बहिनों का यौन शोषण किया था। इस मामले में पानीपत के महेंद्र चावला को मुख्य गवाह बनाया गया था।
हरियाणा पुलिस ने चावला को सुरक्षा भी मुहैया करवाई थी। इस दौरान 13 मई 2017 को बाइक सवार दो अज्ञात युवक चावला के घर आ घुसे और फायरिंग करके फरार हो गए। घटना में चावला घायल हो गए और जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस को दिए बयान में चावला ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई के खिलाफ हमला करवाने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि बाप व बेटा नहीं चाहते कि वह उनके खिलाफ कोर्ट में गवाही दे। वहीं इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए नारायण साई ने कहा कि यौन उत्पीडन मामले में गवाह महेंद्र चावला पर हमले के मामले में उसे फंसाया गया है। इस मामले से उसका कुछ लेना-देना नहीं है, इसलिए उसे नियमित जमानत दी जाए।