करनाल: करनाल को स्मार्ट सिटी का तमगा तो मिल गया लेकिन यह सिटी आज भी स्मार्ट सिटी को मिलने वाली सुविधाओं से महरूम है। करोड़ों रूपये लगाने के बाद भी सी एम् सिटी करनाल सही मायनों में स्मार्ट सिटी नहीं बन पाया। बता दें कि चार साल में बीजेपी सरकार करनाल शहर को गंदगी, आवारा पशुओं, बंदरों व गायों से निजात नहीं दिला सकी। अगर बात की जाए आवारा पशुओं की तो करनाल के सैक्टर-6 के मेन रोड पर गंदगी के अम्बार होने के कारण यहाँ गायों की भीड़ आम देखी जा सकती है जोकि यह साबित करने को काफी है कि करनाल स्मार्ट सिटी बनने से अभी कई कदम दूर है।
जब इस बारे में नगर निगम ई ओ धीरज कुमार से बातकी गई तो उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी हुआ है। अब नगर निगम सफाई के नाम पर प्रति घर से फीस चार्ज करेगी ताकि शहर में सफाई व्यवस्था दरुस्त हो। शहर में घूम रहे आवारा पशुओं के बारे में उनका कहना है कि बाहर से आकर लोग शहर में पशुओं को छोड़ जाते हैं।
उन्होंने बताया कि नगर निगम शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के लिए प्रयासरत्त है। पशुओं को पकड़ कर गऊशाला में पहुँचाया जाता है। उन्होंने कहा कि बंदरो से भी शहर जल्द मुक्त किया जायेगा।
भले ही नगर निगम शहर में सफाई के लाख दावे करता न थकता हो, लेकिन शहर में लगे गंदगी के ढेर और उसमे मुहं मारते आवारा पशु नगर की निगम की पोल खोल रहे हैं। वहीं दूसरी और सरकार की मुहीम गाये हमारी माता है उसको गऊशाला में जगह देने में नकारा साबित हुई है।