फतेहाबाद, 28 अगस्त(जितेंद्र मोंगा): फतेहाबाद में महिलाओं और बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए दी जाने वाली आयरन की गोलियां कूड़े के ढेर में मिली है। यह आयरन की गोलियां वर्ष 2011 में एक्सपायर हो चुकी हैं। फतेहाबाद सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के क्वार्टर के कूड़े के ढेर में इन हजारों गोलियों का मिलना, अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। बात दें, इन गोलियों के रैपर पर सरकारी मोहर लगी हुई है। आसपास के लोगों ने जब इतनी मात्रा में आयरन की गोलियां कूड़े के ढेर में पड़ी हुई देखी तो उन्होंने मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी।
सुचना मिलते ही मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के सदस्यों ने कूड़े के ढ़ेर में पड़ी आयरन की इन गोलियों को जिन पर सरकारी मोहर भी लगी है अपने कब्जे में लेकर जांच की बात कही है।
इस मामले की जानकारी देते हुए फतेहाबाद सरकारी अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर ओपी दहमीवाल ने बताया कि सरकारी अस्पताल की दवाई चाहे एक्सपायर हो चुकी हो, तब भी उसे स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन के बाद ही डिस्पोज अॉफ किया जाता है। उसके लिए बकायदा स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की मंजूरी ली जाती है और उसके बाद ही एक्सपायर दवाइयों को डिस्पोज अॉफ किया जाता है। उन्होंने बताया कि उसका पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाता है।
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में जांच की बात कह रहे हैं। इससे पहले भी फतेहाबाद के सिरसा रोड पर सरकारी दवाइयों का ढेर कूड़े में मिला था। उस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से केवल लीपापोती कर दी गई थी। अब देखना यह होगा कि इस बार स्वास्थ्य विभाग क्या संज्ञान लेता है, सोचने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करके देश के बच्चों और महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए जो आयरन की गोलियां अस्पतालों में भेजी जाती हैं, उनका इस्तेमाल ना होकर उन देवियों का कूड़े के ढेर में मिलना कई सवालों को जन्म देता है।