लखनउ। बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव में एक जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कराने के मामले में मायावती के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। जनहित याचिका में मायावती पर गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले के बादलपुर गांव की जमीन को अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने का आरोप था। इस जनहित याचिका में जमीन पर अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई थी। संदीप भाटी नाम के शख्स ने इस सिलसिले में जनहित याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की दो सदस्यों की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच की मांग को नकारते हुए याचिका खारिज कर दी।
आरोप है कि पूर्व सीएम मायावती के गांव इबादुलपुर उर्फ बादलपुर दादरी (गौतमबुद्धनगर) के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से 47,433 वर्ग मीटर कृषि भूमि गलत तरीके से आबादी वाली घोषित की गई थी। इस मामले में जनहित याचिका दाखिल होने के बाद 15 फरवरी 2017 को मायावती, उनके भाई आनंद कुमार व कई अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया था। जनहित याचिका में उन अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया गया था, जिन्होंने कथित रूप से नियमों को दरकिनार कर मायावती और उनके परिवार के लोगों के पक्ष में खेती की जमीन को आबादी की जमीन के रूप में दिखाते हुए आदेश पारित किया।