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फीस के बोझ तले किसी प्रतिभा को नहीं दबने दिया जाएगा : जोहर

हिसार, 22 अगस्त : सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे जो टीचिंग असिस्टेंड प्रोफेसर व आईआईटी में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, लेकिन कोचिंग पर खर्च होने वाली मोटी रकम को देखकर अपने कदम पीछे खींच लेते हैं, ऐसे विद्यार्थियों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। बता दें हिसार के जवाहर नगर की गली नम्बर एक में स्थित गोपाली कम्युनिटी ऑफ इकोनॉमिक्स के संचालक व पूर्व आईआईटी खडग़पुर के स्कॉलर रहे नवीन जोहर ने ऐसे बच्चों के लिए यह बीड़ा उठाया है। यह जानकारी नवीन जोहर ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से देते हुए बताया कि वे खुद ग्रामीण परिवेश में गांव चौधरीवाली में पले-बढ़े हैं और उनका संस्थान तमाम उन छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है जो आर्थिक व सामाजिक कारणों के चलते पिछड़ गए हैं। अभी हाल ही में घोषित यूजीसी-नेट के परीक्षा परिणाम में गोपाली कम्युनिटी ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ रहे 28 छात्रों में से 16 छात्रों ने नेट इकोनॉमिक्स क्वालीफाई किया। जिनमें से दो छात्रों का जेआरएफ है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवीन ने बताया कि यह परीक्षा परिणाम एक पहली व अच्छी शुरुआत है। हम अपने सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स के अध्यापक तैयार करके इसे एक नई दिशा व ऊंचाई प्रदान करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में पढऩे की कसक है तो केवल फीस के कारण उसे पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। कोई भी मेधावी छात्र यहां रियायती दरों पर शिक्षा प्राप्त कर सकता है यदि छात्र फीस देने में भी सक्षम नहीं है तो भी संस्था उसका खर्च वहन करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अनेक छात्र अच्छी कोचिंग के लिए दिल्ली की ओर जाना चाहते हैं यह परीक्षा परिणाम उन सभी छात्रों को एक नई आशा प्रदान करेगा जो इतनी महंगी कोचिंग नहीं ले पा रहे हैं।

गांव में पले-बढ़े नवीन जोहर जिस तरीके से काम करते हैं उसे देखकर उनके छात्र हैरान रह जाते हैं कि उनमें इतनी पॉजिटीव एनर्जी कहां से आती हैं। पत्रकार सम्मेलन में उपस्थित 16 छात्रों ने बताया कि नवीन सर के पारिवारिक कारणों की वजह से विदेश में पढ़ाई नहीं कर सके। अब नवीन सर तमाम उन छात्रों के लिए प्रयासरत हैं जो पारिवारिक व अन्य कारणों के चलते उच्च शिक्षा प्राप्त करने में असक्षम हंै। वे सिर्फ उन्हीं छात्रों को अपने संस्थान मेें प्रवेश देते हैं जिनके अंदर पढ़ाई के प्रति ललक है तथा जो मेधावी हैं तथा किसी कारण से शिक्षा वहन करने में असमर्थ हैं।

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