Friday , 20 September 2024

पलवल पुलिस ने लोगों के खातों से पैसे उड़ाने वाला पकड़ा

पलवल(सौरभ वर्मा) : पलवल जिले में कई बार बैंको में घुसकर दूसरे लोगों के खातों से अपने खातों में लाखों रुपए जमा करने वाला आरोपी केंम्प थाना पुलिस ने पकड़ा ! यह ठगी करने वाला शातिर ठग नई नई ठगी करके अब तक लगभग करोड़ों रुपए की ठगी कर चूका है अब तक यह ठग तीन दर्जनों से भी जायदा लोगो को लगा चुका है चुना ! पुलिस के द्वारा कई बार पकड़ा जा चूका है लेकिन नहीं तो बैंक ही आरोपी के खातों को बंद करता है और नहीं पुलिस इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठा रही है यह आरोपी आए दिन दूसरे लोगों के खातों से पैसे अपने खातों में कर चूका है जमा और अब फिर एक बार आरोपी ने पलवल में पंजाब नेशनल बैंक घुसकर एक व्यापारी के खाते से लगभग 8 लाख 40 हजार रुपए जमा कर लिए और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है लेकिन आरोपी कई बार इन मामलों में जा जेल चूका है और अदालत से एच आई वी होने का प्रमाण पेस करके जमानत पर आ जाता है बहार और करने लगता है फिर से वहीँ काम ! केंम्प थाना प्रभारी अश्वनी कुमार ने कहा की उनको आरोपी के एच आई वी नहीं होने का शक क्यों की आरोपी ने कहीं से मिलकर यह फर्जीवाड़ा अपने बचाव में कर रखा है !

वीओ-अगर आप बैंक में जाकर अपने खाते से किसी दूसरे खातें में आरटीजीएस करने जा रहे हैं तो आप सावधान हो जाओं क्यों की जिला पलवल में एक ऐसा युवक है जो बैंक में घुसकर उस आरटीजीएस को अपने खाते में ट्रांफर कर लेता है यह आरोपी हरियाणा के साथ साथ देहली ,महाराष्ट और गुजरात में भी कर चूका है ऐसी घटनाएं। लेकिन कई बार पकड़ा भी जा चूका है आरोपी और जेल भी जा चूका है लेकिन उसके बाद भी यह आरोपी जेल से बहार आकर फिर से अपने इस धंधे को सुरु कर देता है।

जेल से अदालत द्वारा एच आई वी होने का प्रमाण पेस करके मेडिकल के आधार पर जमानत मिलने के बाद भी शातिर अपराधी ठगी धोखाधड़ी को अंजाम देने से बाज नही आ रहा है। इस आरोपी ने पलवल के पंकजब नेशनल बैंक से एक व्यापारी द्वारा केनरा बैंक में आरटीजीएस से रुपये डालने बाद बैंक कर्मचारियों को चकमा देकर 12 लाख और दूसरी जगह से 8 लाख 40 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करने के मामले को अभी छः माह भी नही हुआ कि आरोपी ने पलवल शहर में फिर पंजाब नेशनल बैंक में कर्मचारियों को चुना लगा कर एक फिर पलवल के एक व्यापारी के आरटीजीएस फार्म को बदलकर अपने खाते में 8 लाख रुपए को अपने खाते में ट्रांसफर कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व व्यापारी की चुना लगा दिया लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने आरोपी को मोके पर ही पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया ।

गत वर्ष 8 नवम्बर 2017 होडल शहर निवासी राघव मित्तल व्यापारी केनरा बैंक में गया था जहां उसने 12 लाख रुपये आरटीजीएस फार्म के द्वारा बी0 एस0 फॉयल प्राइवेट लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक के खाते में जमा करने के लिए फार्म दिया था। जिसको आरोपी ने अपने खाते में 12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये थे। जिसके बाद पुलिस ने जांच के बाद मेवात के गांव पुन्हाना निवासी नसीम अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । आरोपी ने अदालत में एच आई वी होने का मेडिकल पेस करने के आधार पर जमानत के बाद शहर की अनाज मंडी के व्यापारी विकाश ने शहर की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा में गत माह 10 मई को 8 लाख 40 हजार दो सौ 49 रुपये कैथल के एक व्यापारी मलिकपुरिया एंड संस् के खाते आरटीजीएस फार्म के जरिये जमा करवाने के लिए दिए लेकिन आरोपी नसीम ने बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत कर आरटीजीएस फार्म को बदलकर दिल्ली की द्वारिकापूरी में स्थित आईसीसीआई बैंक के अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए व्यापारी को पता जब चला जब पैसे नसीम अमहद के खाते में चले गए । पीडित व्यापारी ने मामले की शिकायत बैंक में की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। पीड़ित व्यापारी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चूका है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है और व्यापारी भारी परेशान है लेकिन इसके बाद आरोपी ने फिर पलवल के पंजाब नेशनल बैंक में 14 अगस्त को जाकर एक पलवल के व्यापारी के द्वारा देहली एक कंपनी में आरटीजीएस करने के लिए फ़ार्म जमा कर दिया और आरोपी ने बैंक में जाकर फार्म को बदल दिया और अपने नाम से फार्म जमा कर दिया लेकिन बैंक एक कर्मचारियों को आरोपी पर शक हो गया और उसको पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया !

 

आरोपी का दिल्ली की द्वारिकापूरी में स्थित आईसीसीआई बैंक खाता है और जब भी आरोपी यह धंदे को करता है तो उसी खाते में पैसे ट्रांफर करता है और कई बार पुलिस आरोपी के खाते की जाँच करने के लिए दिल्ली की द्वारिकापूरी में स्थित आईसीसीआई बैंक में गई और बैंक वालों को आरोपी के बारे में बताया लेकिन हैरानी की बात यह है की यह दिल्ली की द्वारिकापूरी की आईसीसीआई बैंक आरोपी के खातें को क्यों बंद नहीं कर रही है जबकि आरोपी ने दर्जनभर घटनाएं कर चूका है इससे अंदाजा लगे जा सकता है आरोपी कहीं कहीं द्वारिकापूरी की आईसीसीआई बैंक के कर्मचारियों के साथ मिला हुआ नहीं तो अब तक आरोपी का खाता बंद कर दिया जाता।

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