चंडीगढ़, 31 जुलाई। हरियाणा के चीफ मिनिस्टर गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स प्रोग्राम में पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर। इस दौरान चीफ मिनिस्टर गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स प्रोग्राम के तीसरे बैच को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सुशासन देना राज्य सरकार की प्राथमिकता का विषय है और इस उद्देश्य को लेकर शासन का दृष्टिकोण भी स्पष्ट है। कार्यक्रम में सभी सीएमजीजीए ने ट्रेनिंग के दौरान हुए अपने-अपने अनुभव सांझा किए तथा अपनी टीम में काम करने का अवसर प्रदान करने तथा कुशल मार्गदर्शन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मनोहर लाल ने हरियाणा के सीएमजीजीए प्रोग्राम को अपने आप में एक यूनिक मॉडल बताते हुए कहा कि देश के अन्य प्रदेश भी आज इस कार्यक्रम का अध्ययन कर रहे हैं। राज्य की जनता की सेवा करने तथा उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए नए-नए प्रयोग किए गए। इन्हीं प्रयोग में जिलास्तर पर सीएमजीजीए नियुक्त किए गए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को दूर करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है। इसके साथ ही हम गर्वनेंस को किस प्रकार से बेहतर कर सकते हैं, उस दिशा मे प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सीएमजीजीए के माध्यम से हमने सिस्टम की एनर्जी बढ़ाने का काम किया है ताकि जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि आज यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि सभी सीएमजीजीए की कार्यशैली की जनता, सरकार व प्रशासन के स्तर पर सराहना हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंत्योदय सरल, सक्षम हरियाणा, सीएम विण्डो, हरपथ, एसएमजीटी, स्वच्छता एप, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सीसीटीएनएस, पुलिस कम्यूनिटी लायजनिंग, स्वच्छ भारत मिशन, आरटीए कार्यालय, ई-ऑफिस, पर्यावरण संरक्षण, जागृति आदि कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर सफलता से क्रियांवित करने में सीएमजीजीए की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और आगे भी इन योजनाओं को पूर्णत: स्तर पर लेकर जाने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता ने सीएमजीजीए कार्यक्रम के लिए मार्गदर्शन देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में काम करने के लिए सीएमजीजीए के नए बैच का चयन करने के बाद प्रोग्राम की नॉलेज पार्टनर अशोका यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर नए बैच का प्रशिक्षण हो चुका है और जल्द ही जिलें आवंटित कर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा का सीएमजीजीएप्रोग्राम बड़ी तेजी से लोकप्रिय हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार नए बैच के लिए 28,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे जबकि पिछले साल आवेदनों की संख्या 1900 रही थी। उन्होंने बताया कि इस बार 12 राज्यों से 26 सहयोगियों का चयन किया गया है।