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मोरनी गैंगरेप मामले में बड़ा खुलासा, पीड़िता का पति था इस सब में शामिल

पंचकूला, 25 जुलाई : हरियाणा के पंचकूला जिले में मोरनी के गेस्ट हाउस में चार दिन तक एक विवाहिता के साथ सत्तर लोगों द्वारा बलात्कार किए जाने के मामले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पति ही विवाहिता को देह व्यापार के लिए मजबूर करता था। पुलिस ने पति इरफान को गिरफ्तार कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।

 

 

बता दें मोरनी बलात्कार मामले की जांच पंचकूला पुलिस की एसआईटी कर रही है। इस मामले में पहले पीडिता और उसके पति की शिकायत थी कि पंचकूला के महिला थाना ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ के मनीमाजरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी और वहां से मुकदमा पंचकूला पुलिस को भेज दिया गया था। पंचकूला के महिला थाने के खिलाफ लापरवाही की शिकायत मिलने पर थाना प्रभारी राजेश कुमारी का मंगलवार को ही तबादला कर दिया गया था। राजेश कुमारी के स्थान पर सुनीता रावत को थाना प्रभारी नियुक्त किया गया था।

 

 

 

राज्य सरकार ने इस बलात्कार मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया था। एसआईटी ने पीडिता के पति इरफान को बुधवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इरफान को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। इस मामले के शुरूआती खुलासे में जो तथ्य सामने आ रहे थे उनके अनुसार कहानी इसी दिशा में मुडती दिखाई दे रही थी। पीडिता और उसके पति ने पुलिस कर्मी द्वारा दिया गया पचास रूपए का नोट दिखाया था जिस पर पुलिस कर्मी के मोबाइल फोन का नम्बर लिखा हुआ था। पीडिता और उसके पति ने पंचकूला पुलिस के बजाय चंडीगढ पुलिस से ही मामले की जांच कराने की मांग की थी।

 

 

 

मामले में तथ्य ये भी सामने आए थे कि विवाहिता को मोरनी के लवली गेस्ट हाउस में बंधक रखे जाने के दौरान पति इरफान ने गेस्ट हाउस मालिक सन्नी से चार-चार मिनट तक बात की थी। इस मामले में इरफान की गिरफ्तारी से पहले सन्नी समेत नौ और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मोरनी बलात्कार मामले के सामने आने पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ गई थीं। महिला कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने चंडीगढ का दौरा कर इस घटना के विरोध में पंचकूला में प्रदर्शन किया था और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की शवयात्रा निकालकर पुतला फूंका था। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री को नाकाम करार देते हुए पद से हटाने की मांग की थी। महिला कांग्रेस ने महिला थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग करते हुए 15 दिन में मांग पूरी न होने पर महिला थाना पर धरना शुरू करने का ऐलान भी किया था।

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