सोहना, 25 जुलाई(सतीश कुमार राघव): सोहना सहित जिला के सभी सरकारी स्कूलों में हर महीने होने वाली परीक्षाएं शुरु हो गई। लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही का आलम ये है कि बच्चों को दूसरे दिन भी टैस्ट पेपर ही नहीं मिले हैं। इतना ही नहीं पेपर होगा भी या नहीं, इसकी भी कोई जानकारी स्कूलों को नहीं दी गई।
वैसे तो राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक ”पढ़ेगा इण्डिया बढ़ेगा इण्डिया” जैसे श्लोगनों की बात करती है, लेकिन इसकी ज़मीनी हकीकत साइबर सिटी गुरुग्राम जिला के स्कूलों में उस देखने को मिली जब मासिक प्रश्नपत्र ही स्कूलों में नहीं पहुंचे और विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए परीक्षा पत्र का इंतज़ार करते रहें। बता दे, स्कूलों की छुट्टी होने तक परीक्षार्थी प्रश्नपत्र का इंतजार करते रहे और आखिर में बिना पेपर दिए ही घर चले गए। एक तरफ प्रदेश के शिक्षा मंत्री हरियाणा के सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने की बात करते है। वहीँ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का दुर्भाग्य है कि सरकार इनके लिए पर्शन पत्र तक मुहैया नही करा पा रही है।
वहीं इस बारे में जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि इस तरह कि लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा और इस मामले में कड़ी कार्यवाही की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तो उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट तक करने की बात कही जिसे पेपर प्रिंट करने का टेंडर दिया गया है। दरअसल 15 दिन पहले ही एक निजि प्राइवेट कंपनी को टैस्ट पेपरों की प्रिंटिंग का टेंडर दिया गया था।
बता दें शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार सरकारी स्कूलों में हर महीने बच्चों के आंकलन के लिए हर महीने परीक्षा ली जाती है। जिसमें बच्चों के प्रदर्शन का पता चलता है। हालांकि ये पहली बार हुआ जब पेपर स्कूलों तक नहीं पहुंचे है। ख़ैर, शिक्षा विभाग इस मामले पर अब जरूर सख़्त नज़र आ रहा है। लेकिन देखना होगा कि शिक्षा विभाग द्वारा लापरवाह प्रिंटिंग प्रेस पर किस तरह की कार्यवाही अमल में लाई जाती है।