बलात्कारी करार दिए गए राम रहीम को सज़ा कितनी मिलेगी इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं. कानून के जानकारों के मुताबिक बलात्कार के लिए उसे कम से कम 7 साल की सज़ा मिलेगी. अगर जज घटना के हालात को देखते हुए अपराध को ज़्यादा गंभीर मानते हैं, तो 10 साल तक की भी सज़ा दे सकते हैं. राम रहीम पर बलात्कार यानी आईपीसी की धारा 376 और धमकी देने यानी धारा 506 के तहत दोष साबित हो चुका है. चूंकि घटना 2002 की है, ऐसे में दिल्ली गैंगरेप के बाद 2013 में सख्त की गई धारा इस मामले में नहीं लगेगी. इसके बावजूद अगर अदालत बलात्कार पीड़िताओं के साथ धर्म के नाम पर हुए धोखे और 2 महिलाओं के साथ कई बार हुए बलात्कार को तरजीह देती है तो उसे 10 साल तक की सज़ा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के वकील आर के कपूर का भी यही तर्क है.
धारा 506 के लिए भी 7 साल तक की सज़ा मिल सकती है.
रोहतक जेल में बैठ रही विशेष अदालत का दर्जा चूंकि सेशन्स कोर्ट का है, इसलिए इसके खिलाफ अपील हाईकोर्ट में हो सकेगी. फैसले की कॉपी राम रहीम को तुरंत मिल जाएगी. इसके बाद उसके वकील हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे. वकील अपील पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से सज़ा पर रोक यानी ज़मानत की मांग करेंगे. हालांकि, कानून के जानकारों के मुताबिक इस तरह के संगीन मामलों में ज़मानत मिलना काफी मुश्किल होता है.