गुरुग्राम, 2 जुलाई(सतीश राघव): गुरुग्राम नगर निगम के वार्ड-34 में आने वाले सिकंदरपुर गांव की बेशकीमती जमीन को हड़पने का मामला सामने आया है। दरअसल, सिकंदरपुर गांव की जमीन पर बना ये वही जनता पेट्रोल पंप है जिसको लेकरर विवाद खड़ा हुआ है। 3000 वर्ग गज कि इस जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ होने का अनुमान है। आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगर ने 7 जून को मुख्यमंत्री से पंचायत की जमीन लूटे जाने की शिकायत की थी।
आपको बता दें कि साल 2000 में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को पंचायत ने इस जमीन को 20 साल की लीज पर लिया था, लेकिन 2003 में इस जमीन की रजिस्ट्री अंजू गोयल के नाम कर दी गई। इसके बाद 2005 में यह जमीन शरद गोयल ने 75 लाख रुपये में खरीद ली। इसके बाद पंप और जमीन की मलकियत उनके नाम हो गई। आरटीआई एक्टिविस्ट ने आऱोप लगाया है कि शिकायत के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है।
शिकायतकर्ता हरिंदर ढींगरा का आरोप है कि राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस पूरे मामले को अंजाम दिया गया है। ढींगरा का कहना है कि पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री करके बेचना सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनदेखी है। उन्होंने अपनी शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के 2011 के उसे फैसले का जिक्र किया है। जिसमें देश भर में पंचायत की जमीन पर हुई रजिस्ट्री को वापस लेने के निर्देश मुख्य सचिवों को जारी किए गए थे। मुख्यमंत्री को शिकायत के बाद आनन फानन में जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए है। ऐसे में जांच के बाद ही पता चलेगा कि घोटाले के इस खेल में कौन कौन शामिल है।