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लोकतंत्र कांग्रेस के डीएनए में नहीं, देश की आजादी के बाद से ही अपनाई तानाशाही

चंडीगढ,26जून। केन्द्रीय संस्कृृति और पर्यटन राज्यमंत्री डाॅ महेश शर्मा ने मंगलवार को यहां कहा कि भाजपा ने कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने और बाद में समर्थन वापस लेने के फैसले राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर किए थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति के अनुसार वहां किसी एक दल की सरकार बनना संभव नहीं है।

 

देश में वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लागू किए गए आपातकाल की वर्षगांठ पर डाॅ महेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र है ही नहीं। इस पार्टी ने देश की आजादी के बाद से ही तानाशाही का रवैया अपनाया था। उन्होंने कहा कि 1975 में 25 व 26 जून की रात लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। हजारों लोग जेल में ठूंस दिए गए थे। करीब 21 माह का समय बडे संकट से गुजरा। लेकिन यह सब किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुआ। इस तानाशाही की शुरूआत आजादी के तुरन्त बाद शुरू हो गई थी। उस समय बहुमत सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में था। लेकिन तभी लोकतंत्र का गला घोंटा गया। बाद में श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस तानाशाही को परवान चढा दिया।

 

उन्होंने कहा कि तानाशाह हिटलर के 25सूत्र थे तो श्रीमती इंदिरा गांधी के 20 सूत्र थे। इंदिरा गांधी ने भी हिटलरशाही को अपनाया था। उन्होंने उन कानूनों को बदल दिया जो कि नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी देने वाले थे। नवम्बर 1984 में सिखों के प्रति जो बदले की कार्रवाई थी वो दहला देने वाली थी। आज यह स्थिति है कि कांग्रेस का नेतृृत्व करने के लिए पार्टी को राहुल गांधी से अधिक योग्य व्यक्ति नहीं मिला। कर्नाटक में सरासर लोकतंत्र की हत्या की गई और वहां कुल 224 में से 104सीट जीतने वाली पार्टी विपक्ष में बैठी है। वर्ष 2014 में कांग्रेस दस फीसदी सीटें भी न जीतने के कारण अपना नेता प्रतिपक्ष भी नहीं तय कर पाई।

 

केन्द्र में भाजपा की सरकारों के दौरान भी सिखों को राहत न मिलने के सवाल पर डाॅ शर्मा ने कहा कि अटल बिहारी से लेकर मौजूदा मोदी सरकार तक सिखों को राहत देने के कदम उठाए गए हैं और सिखों के साथ खडे है। लेकिन आपराधिक मामलों में सजा दिलाना कानूनी प्रक्रिया के तहत ही संभव है। पिछली सरकारों ने सबूतों को समाप्त कर दिया। यशवन्त सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा के भाजपा व मोदी सरकार विरोधी स्वरों पर डाॅ शर्मा ने कहा कि दोनों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं की गई। वे अभी तक हमारे हैं और जरूरत पर उनकी राय ली जायेगी। गुजरात में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निदेशक रहते सहकारी बैंक से रद्द किए गए नोट बडे पैमाने पर बदलवाए जाने के सवाल पर डाॅ शर्मा ने कहा कि इस पर भी जवाब आएगा और कोई दोषी होगा तो उसे दण्ड मिलेगा। आपातकाल को लेकर जारी विज्ञापनों पर सरकार द्वारा धन खर्च किए जाने के मुद््दे पर उन्होंने कहा कि यह छोटा मुद्दा है। लोकतंत्र की हिफाजत बडा मुद्दा है।

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