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हरियाणा में अब मेडिकल छात्र कोर्स पूरा करने से पहले संस्थान नहीं बदल पायेंगे

चंडीगढ,26जून। हरियाणा की मौजूदा सरकार ने सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल काॅलेजों के लिए नई प्रवेश नीति लागू की है। इसके अनुसार एक बार प्रवेश मिलने के बाद एमबीबीएस और बीडीएस छात्र अथवा विशेषज्ञ कोर्स पूरा करने से पहले अपना संस्थान नहीं छोड पायेंगे। यदि वे संस्थान छोडते हैं तो उन्हें मेडिकल छात्र के मामले में पांच लाख रूपए और विशेज्ञता कोर्स के मामले में साढे सात लाख रूपए संस्थान को चुकाने होंगे।

 

सरकार की नीति के अनुसार प्रवेश के समय ही छात्रों से पांच लाख व साढे सात लाख के बाॅण्ड श्रेणी के बनुसार भरवा लिए जायेंगे। अब तक होता यह रहा है कि मेडिकल छात्र प्रवेश मिलने के बाद अच्छे संस्थान या अन्य कारणों से बीच में ही संस्थान छोड जाते है और पूर्ववर्ती संस्थान की स्वीकृत सीटें खाली रह जाती है। अब यह नई नीति सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल संस्थानों के हितों की रक्षा के लिए लाई गई है।

 

 

प्रदेश में रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय नीत-अण्डरग्रेजुएट-2018रेंकिग के अनुसार सभी सरकारी,सरकारी सहायता प्राप्त, निजी मेडिकल और दंत चिकित्सा संस्थानों की आॅनलाइन काउंसलिंग के लिए अधिकृृत किया गया है। राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार यदि कोई मेडिकल छात्र अन्डरग्रेजुएट कोर्स बीच में ही छोडता है तो उसे पांच लाख रूपए बाॅण्ड राशि का भुगतान करना होगा। पोस्टग्रेजुएट छात्र को साढे सात लाख रूपए बाॅण्ड राशि जमा करवानी होगी। इसके अलावा ऐसे छात्रों को अगले तीन साल पोस्टग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश नहीं मिलेगा। मेनेजमेंट कोटा के तहत प्रवेश लेने वालों पर भी यह नियम लागू होंगे।

 

 

काॅलेज शुल्क सालाना ले सकेंगे और समूचे पाठ््यक्रम के लिए एकसाथ शुल्क नहीं ली जा सकेगी। सरकारी काॅलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स की सालाना शुल्क 52070 रूपए होगी। एनआरआई छात्रों को एमबीबीएस में प्रवेश के समय 25 हजार डाॅलर जमा कराने होंगे। इसके बाद साढे बारह हजार डाॅलर प्रतिवर्ष जमा कराने होंगे। बीडीएस कोर्स के लिए प्रवेश के समय दस हजार डाॅलर जमा कराने होंगे। सालाना शुल्क पांच हजार डाॅलर जमा कराना होगा। प्राइवेट मेडिकल काॅलेज के मामले में एमबीबीएस के लिए सालाना शुल्क दस लाख रूपए होगी और इसमें सालाना पांच फीसदी की वृृद्धि होगी। बीडीएस कोर्स के लिए सालाना शुल्क 2.8 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगा और इसमें पांच प्रतिशत सालाना की वृृद्धि की जायेगी। एनआरआई छात्रों को प्राइवेट काॅलेज को 1.1 लाख डाॅलर सम्पूर्ण एमबीबीएस कोर्स और 44हजार डाॅलर सम्पूर्ण बीडीएस कोर्स के लिए देने होंगे।

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